रायबरेली। बीते 19 वर्षो से राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज महराजगंज में तैनात पीटीए शिक्षक को विद्यालय की प्रधानाचार्या द्वारा अपने तानाशाह पूर्ण रवैया दिखा अकारण ही हटा दिया गया।
मामले में अभिभावाकों एवं पीटीए अध्यक्ष की खुली बैठक हुई, जिसमें भी प्रधानाचार्य ने अपना फैसला सुरक्षित रखा और पीटीए अध्यापक को वापस रखने को तैयार नही हुई। पीड़ित शिक्षक ने बताया कि उनको हटाकर अपने किसी चहेते को रखने के लिए प्रधानाचार्या द्वारा पद का दुरूपयोग किया जा रहा है।
बुधवार को राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज में शिक्षक अभिभावक संघ अध्यक्ष एवं अभिभावकों की खुली बैठक बुलाई गयी जिसमें अभिभावकों एवं अध्यापकों के समक्ष अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव ने पीटीए शिक्षक प्रदीप अवस्थी को बिना किसी नोटिस के अकारण ही निकलाने का मुद्दा उठाया।
जिस पर अभिभावको ने भी प्रधानाचार्या अमिता यादव से कारण पूछा परन्तु अपनी मनमानी को छिपाते हुए अमिता यादव ने नियमों का बहाना बताते हुए पीटीए शिक्षक को हटाने पर अड़ी रही यही नही प्रधानाचार्या ने साफ शब्दों में अभिभावक एवं अध्यक्ष को भी स्पष्ट कह दिया कि प्रधानाचार्या होने के नाते जो वह चाहेंगी वही होगा, उनके निर्णय में हस्तक्षेप करने का अध्यक्ष और अभिभावकों का कोई अधिकार नही है।
वहीं मामले में पीटीए शिक्षक ने बताया कि वह विगत 19 वर्षों से विद्यालय में बतौर पीटीए शिक्षक कार्यरत है इतने वर्षों में आज तक उसकी एक भी शिकायत नही है परन्तु मौजूदा प्रधानाचार्या ने उन्हे पहले तो एसडीएम का बहाना बता 26 जुलाई को विद्यालय न आने को कह दिया परन्तु 8 अगस्त को उन्हे वापस बुला लिया और वेतन भी दिया परन्तु एक बार फिर 15 नवम्बर को जिला विद्यालय निरीक्षक का मौखिक आदेश होने की बात कह उसे फिर निकाल दिया गया।
श्री अवस्थी ने बताया कि प्रधानाचार्या द्वारा मनमानी की जा रही है बिना किसी लिखित कार्यवाही के उन्हे निकाला गया है और आज भी विद्यालय के अभिलेखों में उनका नाम दर्ज है।
प्रदीप अवस्थी ने बताया कि उनको हटाकर प्रधानाचार्या अपने किसी चहेते को तैनात कर अनुचित लाभ उठाना चाहती हैं। 19 वर्षो से लगातार कार्य करने के बाद अचानक उन्हे हटा दिया गया जिससे उनके जीवन में परिवारिक संकट छा गया है यदि भविष्य में उन्हे या उनके परिवार को कोई हानि होती है तो उसकी जिम्मेदार प्रधानाचार्या अमिता यादव होंगी। वहीं मामले में जब प्रधानाचार्या अमिता यादव से उनका पक्ष चाहा गया तो उन्होने कोई भी बयान देने से साफ इनकार कर दिया।
रिपोर्ट- अशोक यादव एडवोकेट