पौष मास कृष्ण पक्ष सोमवार दिनांक 19 दिसंबर 2022 को सफला एकादशी है।
धर्मराज युधिष्ठिर के पूछने पर भगवान श्री कृष्ण ने कहा कि हे राजेंद्र पौष मास के कृष्ण पक्ष में जो एकादशी होती है उसका नाम सफला एकादशी है।
सफला एकादशी के महात्म्य का वर्णन करते हुए भगवान श्री कृष्ण कहते हैं। बड़ी-बड़ी दक्षिणा वाले यज्ञों से मुझे उतना संतोष नहीं होता जितना एकादशी व्रत के अनुष्ठान से होता है। इसलिए सर्वथा प्रयत्न करके एकादशी का व्रत करना चाहिए। इस संबंध में राजा माहिष्मत तथा उसके पुत्र लुंभक की कथा सर्वविदित है।
पौष मास के कृष्ण पक्ष में सफला नाम की एकादशी होती है। उस दिन पूर्व विधान से ही विधिपूर्वक भगवान नारायण की पूजा करनी चाहिए। एकादशी कल्याण करने वाली है इसका व्रत अवश्य करना उचित है।
जैसे नागों में शेषनाग ,पक्षियों में गरुड़, देवताओं में श्री विष्णु तथा मनुष्यों में ब्राह्मण श्रेष्ठ है वैसे ही सभी व्रतों में एकादशी श्रेष्ठ है। रात में वैष्णो पुरुषों के साथ जागरण करना चाहिए। जागरण करने वाले को जिस फल की प्राप्ति होती है। वह हजारों वर्ष तपस्या करने से भी नहीं मिलती।
हे राजन जो सफला एकादशी के उत्तम व्रत में लगे रहते हैं उन्हीं का जन्म सफल है। महाराज इसकी महिमा को पढ़ने सुनने तथा उसके अनुसार आचरण करने से मनुष्य राजसूय यज्ञ का फल पाता है।
धर्माचार्य ओम प्रकाश पांडे अनिरुद्ध रामानुज दास रामानुज आश्रम संत रामानुज मार्ग शिव जी पुरम प्रतापगढ़।
कृपा पात्र श्री श्री 1008 स्वामी श्री इंदिरा रमणाचार्य पीठाधीश्वर श्री जीयर स्वामी मठ जगन्नाथपुरी एवं पीठाधीश्वर श्री नैमिषनाथ भगवान रामानुज कोट अष्टम भू वैकुंठ नैमिषारण्य। रिपोर्ट- अवनीश कुमार मिश्रा
सफला एकादशी की बहुत-बहुत बधाई
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