डॉ. लक्ष्मीकान्त त्रिपाठी ज्योतिष विभूषण सम्मान से सम्मानित

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पांचवें ज्योतिष महाकुंभ में उत्तराखंड के मा.मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने भारत के प्रख्यात हस्तरेखा विशेषज्ञ डॉ. लक्ष्मीकान्त त्रिपाठी को ज्योतिष विभूषण सम्मान प्रदान किया.

ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय में कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए, उत्तराखंड के महामहिम राज्यपाल रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि ज्योतिष विद्या ब्रह्मांड को समझने का रोडमैप है, उन्होंने कहा कि भारत की विद्याओं एवं प्रतिभाओं का जितना लाभ सारी दुनिया ने उठाया है उतना श्रेय नहीं दिया. उन्होंने कहा कि आज ज्योतिषियों को आधुनिक तकनीक अपनाकर पूरे आत्मविश्वास के साथ लोगों के मार्गदर्शन के लिए आगे आना चाहिए.

इस अवसर पर डॉ. लक्ष्मीकान्त त्रिपाठी ने ज्योतिष प्रेमियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जिस तरह से ब्रह्मांड का रोड मैप ज्योतिष में मिलता है उसी तरह से व्यक्ति के जीवन का रोडमैप उसके हाथ की रेखाओं में मिलता है. हाथ कर्म का प्रतीक है और किस कर्म में आपको सफलता मिलेगी यह आपकी हाथ की रेखाएं बताती हैं. उन्होंने कहा कि युग के हिसाब से हाथ के पैटर्न काफी बदल चुके हैं जिसकी जानकारी किताबों से ही नहीं बल्कि हाथों के निरन्तर अध्ययन से प्राप्त होती है. ज्योतिष का उद्देश्य सिर्फ भविष्य बताना नहीं है बल्कि तब तक आपका हौसला बुलंद रखता है जब तक मंजिल न मिल जाए.

कार्यक्रम के समापन अवसर पर देश भर से पधारे विद्वानों को संबोधित करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ज्योतिष में प्रवीणता सिर्फ किताबी ज्ञान से नहीं मिल सकती इसके पीछे विद्वान की व्यक्तिगत साधना एवं उसके मन में परोपकार की भावना होती है, ज्योतिष, धर्म, अध्यात्म, संस्कृति एवं वेद की भूमि, देवभूमि में विद्वानों को सम्मानित करते हुए मैं स्वयं को भाग्यशाली अनुभव कर रहा हूं.

इस अवसर पर ज्योतिषाचार्य अजय भांबी, इंदुप्रकाश, सतीश शर्मा, जय गोविंद, नंदकिशोर पुरोहित ( पूर्व मंत्री ) सहित अनेक विद्वान उपस्थित रहे. रिपोर्ट- राकेश कुमार अग्रवाल

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