शिक्षा राष्ट्र की आराधना का सर्वोच्च मार्ग – लक्ष्मण प्रसाद आचार्य

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नई दिल्ली। लक्ष्मीबाई कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय में आयोजित एनसी वेब के वार्षिकोत्सव समारोह में सिक्किम प्रदेश के राज्यपाल महामहिम माननीय लक्ष्मण प्रसाद आचार्य की मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थिति रहे , इनके साथ ही जम्मू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर उमेश राय जी, राष्ट्रीय कवि संगम के अध्यक्ष जगदीश मित्तल जी, एनसी वेब की डायरेक्टर गीता भट्ट जी, कॉलेज की गवर्निंग बॉडी की ट्रेजरार प्रोफेसर अंजू गुप्ता जी एवं कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर प्रत्यूष वत्सला जी सहित अन्य प्रोफेसर तथा छात्राओं की उपस्थिति रही।

महामहिम के आगमन पर कॉलेज स्थित वार मेमोरियल सर्वप्रथम एनसीसी कैडेट ने राज्यपाल महोदय का गार्ड ऑफ ऑनर से स्वागत किया एवं कॉलेज की प्राचार्य प्रोफेसर प्रत्यूष वत्सला जी ने बुके देकर अभिनंदन किया।तत्पश्चात कॉलेज के गोकुल अवस्थित प्रांगण में पूर्वी भारत के विभिन्न राज्यों से लक्ष्मीबाई कॉलेज में शिक्षा प्राप्त कर रही छात्राओं ने महामहिम का पुष्पगुच्छ से अभिनंदन करते हुए उनके लिए मणिपुरी भाषा में गीत का गायन किया इसके पश्चात महामहिम ने सभी छात्राओं से अनौपचारिक वार्ता क्रम में उन्हें जीवन में आगे बढ़ते हुए राष्ट्र की सेवा करने हेतु प्रेरित किया सभी छात्राएं महामहिम के सरल व्यक्तित्व से अत्यधिक प्रभावित दिखी।

कार्यक्रम के दूसरे चरण में महामहिम ने एनसी वेब कॉलेज के वार्षिकोत्सव का उद्घाटन दीप प्रज्वलन से किया तत्पश्चात कॉलेज की छात्राओं ने स्वागत गीत वह जी-20 के गायन द्वारा माननीय महामहिम महोदय का स्वर व नृत्य बद्ध अभिनंदन किया।

महामहिम का स्वागत करते हुए प्रो.प्रत्यूष वत्सला ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आचार्य जी ने जिस सहजता से आमंत्रण को स्वीकार किया हम सभी उनके प्रति कृतज्ञ हैं जितना सुना था उससे कहीं ज्यादा आपके व्यक्तित्व में विनम्रता समाहित है,आपका व्यक्तित्व हम सभी को बहुत कुछ सीखने की प्रेरणा देता है आज आपके मार्गदर्शन से जो भी विचार दृष्टि मुझे प्राप्त होगी मैं आपको विश्वास दिलाती हूं कि उसको अपने जीवन में समाहित करते हुए समाज व राष्ट्र के निर्माण पर अथक रूप से चलती रहूंगी।

महामहिम ने अपने उद्बोधन में विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज मैं जिस कॉलेज में खड़ा हूं वह देश की वीरांगना बेटी लक्ष्मी बाई के नाम को समर्पित है और मैं सामने बेटियों के रूप में उपस्थित जिस वृहद समूह को देख रहा हूं तो मन आह्लादित हो रहा है की 2014 में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने जिस बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ संकल्पना का आह्वान राष्ट्र निर्माण हेतु किया था आज वह अक्षरश: सच साबित हो रहा है ।

महामहिम राज्यपाल ने विचार को आगे बढ़ाते हुए कहा कि जीवन यात्रा के क्रम में तमाम ऐसे पडाव आते हैं कि जीवन में हमारे धैर्य की परीक्षा होती है। हम सभी को अपने जीवन अनुभवों से प्रेरणा लेते हुए धैर्य की यात्रा को आगे बढ़ाने का प्रयास जीवन में करना चाहिए अगर हम धैर्यवान हैं तो हमें सफल होने से कोई नहीं रोक सकता इसीलिए महामानव पंडित दीनदयाल उपाध्याय चरैवेति चरैवेति के मार्ग से दुनिया को आगे बढ़ने की प्रेरणा दी थी।

भारत आज विकसित राष्ट्रों की श्रेणी के समकक्ष खड़ा है और भारतीय जनसंख्या में युवा शक्ति की काफी प्रचुर मात्रा है बस हमें अपने शारीरिक दक्षता के साथ ही कौशल की दक्षता को भी मजबूत करना होगा>

पूरे देश में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में कौशल विकास की अनेक योजनाएं क्रियाशील है आप सभी को इन योजनाओं से जुड़ कर अपनी तकनीकी दक्षता से राष्ट्र की सेवा करने के मार्ग को चुनना होगा तभी आने वाले वर्षों में भारत विकसित राष्ट्रों का मुकाबला मजबूती से कर सकेगा।

आचार्य जी ने अपनी मन: स्थिति को छात्राओं से अभिव्यक्त करते हुए कहा कि मैं मूलतः शिक्षक हूं इसलिए मैंने जीवन भर शिक्षा का सम्मान किया है मेरा मानना है कि अगर समाज और राष्ट्र की दूरी को एक संतुलित आयाम देना है तो उसका सबसे मजबूत स्तंभ शिक्षित समाज ही हो सकता है, इसलिए मैंने अपने जीवन काल में ऐसे स्कूलों की स्थापना की जहां समाज के वंचित समूह के साथ ही अन्य समूह के लोग भी नैतिक और व्यवहारिक शिक्षा का ज्ञान प्राप्त कर सकें>

मैं आप सभी को सामने देखकर सुखद अनुभूति को महसूस कर रहा हूं कि आज भारत में शिक्षा मात्र रोजगार तक सीमित नहीं है अपितु यह ज्ञान परंपरा से खुद को जोड़ने का माध्यम भी है ।

अंत में महामहिम महोदय ने अपने आशीर्वचन में सभी को राष्ट्र निर्माण में जुटने सेवा करने की प्रेरणा देते हुए अपनी वाणी को विराम दिया।

महामहिम द्वारा वार्षिक परीक्षा में प्राप्त प्राप्त अंकों के आधार पर मुख्य रूप से तीन उच्च श्रेणी के छात्रों को पुरस्कृत किया गया साथ ही इस अवसर पर कॉलेज की छात्राओं द्वारा मणिपुरी, महाराष्ट्रीय व राजस्थानी नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति की गई। कार्यक्रम समापन राष्ट्रगान के साथ पूर्ण हुआ।

कार्यक्रम का संचालन व धन्यवाद ज्ञापन डॉ सुनील कुमार मिश्र असिस्टेंट प्रोफेसर समाजशास्त्र विभाग द्वारा किया गया।
इस अवसर पर एनसी वेब कॉलेज की को कोऑर्डिनेटर डॉक्टर रश्मिता, डॉक्टर सीमा कौशिक ,डॉक्टर सुधीर गुप्ता, डा पवन सिंह, डॉक्टर सतनारायण गोंड सहित सैकड़ों की संख्या में छात्राएं उपस्थित थीं।

  • राकेश कुमार अग्रवाल
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