गिरफ्त में आये गोकशी गिरोह के चारों युवकों को भेजा जेल

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महराजगंज, रायबरेली। गोकशी करने वाले गिरोह का सरगना व उसके तीन साथियों को कोतवाली पुलिस मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार करने में कामयाब हो गयी। मुठभेड़ के दौरान अभियुक्तों के पास से 3 देशी तमन्चे, कारतूस, एक स्कार्पियों गाड़ी, एक मोटरसाइकिल सहित गोकशी करने का सामान भी बरामद किया गया है। गिरफ्त में आये चारों युवकों को सम्बन्धित धाराओं में मुकदमा दर्ज करते हुए जेल भेजा गया है।

बताते चलें कि बीते एक सप्ताह पूर्व क्षेत्र में गोकशी की घटना सामनें आने के बाद सक्रिय हुई पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर मंगलवार देर रात कोतवाली पुलिस एवं सर्विलांस टीम द्वारा संयुक्त रूप से घेराबंदी कर क्षेत्र के मऊ नहर पटरी से समानान्तर दुसौती मार्ग पर मुठभेड़ कर गिरफ्तार कर लिया।

इस दौरान गोकशी करने वाले गिरोह का मुखिया मोहनगंज जनपद अमेठी निवासी इमरान पुत्र हमीद अपने साथियों पीली कालोनी ऐशबाग लखनऊ निवासी कसीब उर्फ राशिद पुत्र एजाज, पासिन का कोड़रा अमावां थाना मिलएरिया निवासी लवकुश पुत्र छविनाथ,व नसरत पुर थाना मोहनगंज अमेठी निवासी विनोद गुप्ता पुत्र राम सुमिरन को गिरफ्तार किया गया है।

चारों अभियुक्तों का मेडिकल परीक्षण करवा सम्बन्धित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया। कोतवाल श्याम कुमार पाल ने बताया कि पकड़े गये अभियुक्तों का लम्बा चौड़ा आपराधिक इतिहास है। यह सभी पेशेवर गोकश हैं। मामले में फरार चल रहे वांछित अभियुक्त सद्दाम पुत्र अबरार को भी जल्द गिरफ्तार कर जेल भेजा जायेगा।

पुलिस टीम पर हमलावर हुए गोकश

पुलिस टीम पर हमलावर हुए गोकशों ने फायरिंग भी की, गनीमत रही कि कोई हताहत नहीं हुआ। मंगलवार की मध्यरात्रि फायरिंग होने से घटना के आसपास के गांव के ग्रामीण दहशत में रहे।सुबह पुलिस व गोकशों के बी मुठभेड़ की जानकारी होने पर ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। हालांकि पुलिस की जवाबी फायरिंग में तीन गोकश घायल हुए। गोकशों के आपराधिक इतिहास को देखते हुए गोकश गोकशी की घटना में पकड़े जाने के बाद जेल से छूटने पर फिर घटना को अंजाम देते थे।इस बार गोवध अधिनियम के साथ ही पुलिस टीम पर जान से मारने की नियत से हमला करना व आयुध अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

अपराध होने के बाद पुलिस होती है सक्रिय

हाल में हुई घटना में पुलिस की सक्रियता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। लोगों का कहना है अपराध होने के बाद जिस तरह कोतवाली पुलिस सक्रिय हो जाती है, अगर अपराध होने से पूर्व सक्रिय होती तो गोकशी की घटना नहीं घटती। पुलिस के अनुसार गोकश पूर्व में भी बार्डर पर सुनसान इलाके का फायदा उठा घटना को अंजाम दे रहे थे। जबकि रायबरेली व अमेठी बार्डर पर मऊ नहर पर चौकी स्थापित की गई है। क्षेत्रीय लोगों का आरोप है कि चौकी का उपयोग बार्डर पर अपराध रोकने के लिए किया गया था लेकिन इसका उपयोग बार्डर पर वसूली तक ही सीमित होकर रह गया है।

  • अशोक यादव एडवोकेट
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