अयोध्या। अशफाक उल्ला खां मेमोरियल शहीद शोध संस्थान के प्रबंध निदेशक सूर्यकांत पाण्डेय ने कहाकि क्रांतिकारी विरासत को छुपाने के षड्यंत्रों का पर्दाफाश करना नयी पीढ़ी के लिए आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि कुछ साम्प्रदायिक तथा पूंजीवादी ताकतें इतिहास लेखन के नाम पर कूड़ा करकट पढ़ाना चाहतीं हैं। उन्होंने कहा कि इतिहास को दुनिया की कोई ताकत बदल नहीं सकतीं हैं।
समाजसेवी संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश यादव की अध्यक्षता में तथा मसहूर शायर मुजम्मिल फिदा के संचालन में 1857 क्रांति के महानायक मौलवी अहमद उल्ला शाह के शहादत दिवस पर अवंतिका होटल में संपन्न कार्यक्रम में श्री पाण्डेय ने उक्त विचार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि अशफाक उल्ला खां मेमोरियल शहीद शोध संस्थान अपने मिशन को अनवरत जारी रखेगा। शहादत दिवस को संबोधित करते हुए संस्थान के अध्यक्ष सलाम जाफरी ने अक्टूबर में मुशायरा आयोजित करने का एलान किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए समाजसेवी संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश यादव ने कहा कि देश को आजादी दिलाने में हिंदू व मुसलमान दोनों समाज के महापुरुषों का विशेष योगदान रहा है। हम सभी को एक होकर देश को संपन्न बनाना होगा।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जब हमारा देश एक रहेगा। सभी मिलजुल कर काम करेंगे तो हमारा देश और राष्ट्र दोनों संपन्न होगा। शहादत दिवस पर आयोजित गोष्ठी के पूर्व उपस्थित लोगों ने मौलवी अहमद उल्ला शाह के चित्र पर माल्यार्पण किया।
गोष्ठी को काजी निहालुदु्दीन ने संस्थान के आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास को जिंदा रखना आवश्यक है।
गोष्ठी को इरफान उल्लाह, सलीम, एहसानुल हक़, शत्रोहन दूबे,सोमयी निषाद, अंकित, मनोज यादव, अंकित पाण्डेय, विकास सोनकर, अमर बहादुर यादव आदि ने संबोधित किया।
- मनोज कुमार तिवारी