श्रम और प्रकृति के सौन्दर्य के कवि थे केदारनाथ अग्रवाल
कुलपहाड़, महोबा। केदार स्मृति न्यास व रामरतन भुवनेश कुमार पब्लिक स्कूल के तत्वावधान में प्रगतिशील धारा के सशक्त हस्ताक्षर रहे कवि केदारनाथ अग्रवाल की 23 वीं पुण्यतिथि पर गुरुवार को आरबीपीएस सभागार में संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
केदार गोष्ठी का शुभारम्भ मां सरस्वती व कवि केदारनाथ अग्रवाल के चित्र पर माल्यार्पण से हुआ। नित्या गोयल , हिमालवी शक्ति , प्रियम नाहर , महक श्रीवास व शिवानी वर्मा ने हे शारदा मां गीत पर नृत्य की प्रस्तुति से की।
वरिष्ठ साहित्यकार व प्रगतिशील लेखक संघ के राज्य सचिव डा. रामचन्द्र सरस ने बाबू केदारनाथ अग्रवाल के रचनाकर्म पर चर्चा करते हुए कहा कि केदार जी श्रम के कवि थे। परिश्रम के कवि थे। उन्होंने कहा कि वे किसान , मजदूर , गरीब के कवि थे।
चिंतक , विचारक प्रो. बजरंग बिहारी तिवारी ने बुंदेलखंड को कवियों साहित्यकारों की भूमि बताते हुए कहा कि कविता का जन्म इसी भूमि पर हुआ है।
केदार जी श्रम के प्रकृति को कवि थे वे पत्नी के प्रति प्रेम के कवि थे। लेकिन आज प्रकृति उदास है उसको उजाडा जा रहा है उसका शीलहरण हो रहा है। ऐसे में कवि और कविता ही व्यवस्था को जगाएगी। राजनीति में भी शील और शुचिता कविता लेकर आएगी। इसलिए कवि को राजद्रोही होना पडेगा।
दिल्ली से आईं आलोचक डा. सुनीता ने कहा कि केदार की दृष्टि नर-नारी , प्रकृति , पशु पक्षी , जीव जंतु सभी के लिए एक समान थी। लैंगिक समानता व संवेदनशीलता की वकालत करते हुए डा. सुनीता ने कहा कि समानता का मामला मानसिकता से जुडा है। उन्होंने केदार जी की कविताओं का सस्वर पाठ कर केदार जी को याद किया।
केदार स्मृति न्यास के सचिव नरेन्द्र पुण्डरीक ने केदार जी के अंतिम समय को याद करते हुए उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि केदारजी ईमानदारी के कवि थे। कर्मठता के कवि थे। वे सौंंदर्य के कवि थे। उन्होंने केदार जी के रचनाकर्म पर भी चर्चा की।
समाजशास्त्री साहित्यविद डा. सबीहा रहमानी ने कवि केदार से अपने जुडाव को बडे ही भावुक व मनमोहक अंदाज में पेश करते हुए सभी को केदार जी के व्यक्तित्व से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि केदार जी ही वो इकलौते शख्स थे जिनसे प्रेरणा लेकर मैं साहित्य जगत में आई।
इस अवसर पर कुलपहाड नगर पंचायत अध्यक्ष वैभव अरजरिया , डा. दीपाली गुप्ता , छाया सिंह , श्रद्धा निगम , उमा पटेल , महेन्द्र भीष्म , संतोष पटैरिया, राकेश कुमार अग्रवाल , डा. आत्मप्रकाश , आनंद किशोर लाल , राधेलाल यादव , विजय बहादुर पटैरिया, शरद अरजरिया , राकेश अरजरिया , गोपीबाबू अनुरागी , बलवीर सिंह यादव , प्रकाश यादव , पंकज अग्रवाल , दिनेश अग्रवाल , सलीम , महिमा गुप्ता , प्रज्ञा सोनी , मधुरिका , स्वाती श्रीवास्तव , सुधांशु खरे , पुष्पेन्द्र सिंह यादव , विपिन सोनी , मयंक श्रीवास , अजय सिंह , हरिश्चन्द्र, सिद्धगोपाल द्विवेदी , देवदत्त चौबे , प्रेम चौरसिया , नीरज घोष आरबीपीएस के प्रिंसिपल अमित अग्रवाल , प्रबंधक सुरेन्द्र अग्रवाल समेत दर्जनों लोग मौजूद रहे। संचालन नीतेन्द्र चौबे ने किया।
- राकेश कुमार अग्रवाल