डीआरएम ने देखा जर्जर रेलवे अंडरपास, दुरुस्त कराने के निर्देश

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  • इचौली-गुसियारी रोड पर गाटर के सहारे टिका रेलवे अंडरपास

  • रेल प्रशासन ने लगाया बैनर: लिखा- सावधान! रास्ता बंद है… 

इचौली, हमीरपुर। बांदा-कानपुर रेलवे रूट पर इचौली-गुसियारी रोड पर बना रेलवे का अंडरपास जर्जर हो चुका है। इसमें गाटर लगा दिए गए हैं। जिससे यह कभी भी गिर सकता है और इससे निकलने वाले राहगीर चोटिल हो सकते हैं। ये खबर मीडिया में उछली थी। जिसे संज्ञान में लेकर झांसी मंडल के मंडल रेल प्रबंधक आशुतोष कुमार को गुरुवार को इसका निरीक्षण किया।

वह गुरुवार दोपहर एक बजे इचौली रेलवे स्टेशन पर मोपेड ट्राली (स्पेशल ट्रेन) से पहुंचे और अफसरों से जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने अंडरपास जल्द दुरुस्त कराने का निर्देश दिया। वहीं डीआरएम के चले जाने के बाद स्थानीय रेलवे प्रशासन ने इसी अंडरपास के पास सावधान रास्ता बंद है का बैनर लगा दिया।

रेलवे ने बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए क्रांसिंग गेटों में 2010 से अंडरपास बनाने का काम शुरू किया था। जो 2.70 करोड़ कि लागत से बनाया गया। रेलवे ने जमीन से 15 फीट नीचे खोद अंडरपास तो बना दिया लेकिन इनके अंदर वर्षा के पानी कि निकासी के लिए कोई रास्ता नहीं छोड़ा। जिससे बारिश में यह नाला बन जाता है।

वहीं वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर ठेके पर पंप लगाकर पानी निकाला दिया जाता है। इसके बाद आवागमन शुरू हो पाता है। यदि इस अंडरपास में पानी भर जाता है तो राहगीरों को 50 किलोमीटर दूर से चक्कर काटने के बाद मौदहा आना पड़ता है।

इचौली निवासी विवेक पाल ने बताया कि रेलवे ने अपनी बचत के लिए रास्ता बंद होने का बैनर तो लगा दिया लेकिन इसका विकल्प नहीं बताया। आखिरकार ग्रामीणों को अधिक रुपये व समय बर्बाद कर लंबे रास्ते से जाना पड़ेगा। सबसे अधिक परेशानी मरीजों व छात्र-छात्राओं को होगी।

राजाराम रैकवार ने कहा की रेलवे ने अपना बैनर लगा के होने वाली अप्रिय घटना से बचना चाहती है। यदि रास्ता बंद हैं तो उसे पूरी तरह बंद कर देना चाहिए जिससे आवागमन न हो सके। केवल बैनर लगा देने से राहगीर निकना बंद नहीं करेंगे और किसी दिन बड़ा हादसा हो जाएगा।

  • एमडी प्रजापति
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