नायक उपदेश कुमार की अंतिम विदाई में उमड़ा जनसैलाब

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  • श्मशान घाट डलमऊ पर हुआ अंतिम संस्कार 

  • सेनाधिकारियों का गार्ड ऑफ ऑनर, जवानों ने दी सलामी

  • परिजनों में मचा कोहराम, बड़े भाई ने दी मुखाग्नि

डलमऊ, रायबरेली। डलमऊ कोतवाली क्षेत्र के नाथ खेड़ा मजरे डलमऊ निवासी सुखलाल क 32 वर्षीय पुत्र उपदेश कुमार यादव सेना डीईटी वर्कशॉप में नायक के पद पर तैनात था। 20 जुलाई को उपदेश कुमार का शव अंबाला कैंट रेलवे लाइन के बीच में पाया गया।

जिसकी सूचना थल सेना के अधिकारियों द्वारा परिजनों को दी गई और पोस्टमार्टम के बाद उपदेश कुमार का पार्थिव शरीर पैतृक गांव नाथ खेड़ा लाया गया। जिसके पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया और क्षेत्रीय लोग लाखों की संख्या में अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे जिसके उपरांत भारी लाव लश्कर के साथ अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट डलमऊ ले जाया गया। जहां पर पहुंचे सेना के अधिकारियों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर के साथ जवानों द्वारा सलामी दी गई और बड़े भाई महेश कुमार द्वारा मुखाग्नि दिया गया।

नायक उपदेश कुमार का पार्थिव शरीर लेकर पैतृक गांव पहुंचे थल सेना के सूबेदार आर प्रताप सिंह और कैप्टन एल एल नारायण ने बताया कि 19 जुलाई को उपदेश कुमार डी ईटी वर्कशॉप में नायक के पद पर तैनात था और 19 जुलाई को सायंकालीन परेड के बाद दौड़ लगाने के लिए निकला था। देर रात तक अपने कैंप में वापस नहीं आया जिस पर जवानों ने उच्च अधिकारियों को सूचना दिया जिस पर अधिकारी जवानों के साथ कैंप के चारों ओर आसपास क्षेत्र में गहन छानबीन की गई और 20 जुलाई को भी आसपास रेलवे स्टेशन बस स्टॉप आदि सार्वजनिक स्थान पर खोजबीन की गई।

वही स्थानीय जीआरपी द्वारा 20 जुलाई शाम को अज्ञात युवक का शव अंबाला कैंट स्टेशन के पास रेलवे लाइन पर पाए जाने की सूचना दी गई जिस पर सेना के अधिकारियों द्वारा मौके पर जाकर मृतक की शिनाख्त नायक उपदेश कुमार के रूप में की गई।

जिस पर कार्यवाही के क्रम पर पोस्टमार्टम कराने के बाद नायक और देश कुमार का पार्थिव शरीर मृतक के पैतृक गांव खेड़ा मजरे डलमऊ लाया गया जहां पर शव के पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया और देखते ही देखते अंतिम दर्शन के लिए लाखों की संख्या में क्षेत्रीय लोग पहुंच गए और भारी लाव लश्कर के साथ अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट डलमऊ ले जाया गया जहां पर थल सेना के अधिकारियों ने गार्ड ऑफ ऑनर देते हुए जवानों द्वारा सलामी दी गई वहीं पर नायक उदेश कुमार के पार्थिव शरीर को उनके बड़े भाई महेश कुमार ने मुखाग्नि दीया।

उपदेश कुमार चार बहन और तीन भाइयों के बीच पांचवे नंबर पर था। उपदेश कुमार के पिता सुखलाल थल सेना से सेवानिवृत्त हैं और छोटा भाई अभिषेक कुमार थल सेना में तैनात है।

वही बड़ा भाई महेश कुमार गांव में खेती किसानी का कार्य करता है पत्नी सरला देवी और 4 वर्षीय पुत्र सौर्य कुमार माता मिथिलेश कुमारी को अपने पीछे छोड़ गया।

  • विमल मौर्य
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