NDA VS INDIA: मणिपुर पर मोदी सरकार के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव मंज़ूर

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मणिपुर हिंसा पर सभी दलों से बातचीत के बाद इस पर होगी बहस 

NDA VS INDIA: संसद के मॉनसून सत्र के 5वें दिन लोकसभा में केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया। जिसे लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने मंजूरी दे दी। अविश्वास प्रस्ताव कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने पेश किया। स्पीकर ने कहा कि इस पर बहस का समय सभी दलों से बातचीत के बाद तय होगा। विपक्ष अड़ा हुआ है कि मणिपुर मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में बयान दें।

मोदी सरकार सदन में आसानी से बहुमत साबित कर देगी, लेकिन अविश्वास प्रस्ताव मंजूर होने के बाद प्रधानमंत्री का भाषण होगा। यानी बहस के दौरान मणिपुर मुद्दे पर सरकार को घेरकर वे लड़ाई जीत लेंगे। मोदी सरकार के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव 20 जुलाई 2018 को आया था।

पहला अविश्वास प्रस्ताव नेहरू सरकार के खिलाफ 1963 में जेबी कृपलानी लाए थे। तब से अब तक 26 अविश्वास प्रस्ताव लाए जा चुके हैं और सिर्फ 3 बार ही सरकार गिरी है। वीपी सिंह 11 महीने प्रधानमंत्री रहने के बाद 1990 में, एचडी देवेगौड़ा 1997 में और अटल बिहारी वाजपेयी 1999 में अविश्वास मत हारे थे।

संसद के मॉनसून सत्र में मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष मोदी सरकार के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव लाएगा। आज भी लोकसभा और राज्यसभा में हंगामे के आसार हैं। मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री मोदी के बयान को लेकर विपक्ष अपनी मांग पर अड़ा हुआ है। मोदी सरकार चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष की शर्तें उसे मंजूर नहीं है। इन्हीं सब पर भाजपा और I.N.D.I.A गठबंधन के लोग लगातार बैठक कर रहे हैं।

NDA VS INDIA: एक ओर संसद में बीजेपी संसदीय दल की बैठक हुई। वहीं, सदन के पटल पर रणनीति पर चर्चा करने के लिए संसद में राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष कक्ष में समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के नेताओं की भी बैठक हुई। 

NDA VS INDIA: इस बीच, सूत्रों ने बताया कि विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (I.N.D.I.A) ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर चर्चा की है। समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के नेताओं ने बैठक में फैसला लिया है कि वे दोनों सदनों में मणिपुर पर प्रधानमंत्री के बयान की मांग जारी रखेंगे। 

NDA VS INDIA: गौर करें तो बीजेपी की लोकसभा में फिलहाल 301 सीटें हैं। जबकि कांग्रेस की 50 सीटें हैं। 2014 में भाजपा ने 282 सीटों पर जीत हासिल की थी। भाजपा की सहयोगी दलों को मिला लें तो ये आंकड़ा बढ़कर 336 हो गया था। इसके बाद 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने एक और बड़ी जीत हासिल की। 2019 में भाजपा को 303 सीटों पर जीत मिली थी। एनडीए के खाते में कुल 352 सीटें आईं थीं। वहीं, यूपीए को केवल 91 सीटों से संतोष करना पड़ा था। 

2019 में किसे कितनी सीटें मिली थीं? 

एनडीए                352

भाजपा                 303

शिवसेना              18

जेडी(यू)                16

एलजेपी                06

अपना दल            02

अकाली               02

एआईडीएमके     01

अन्य                  04

 

यूपीए                91

कांग्रेस              52

डीएमके             23

एनसीपी            05

आईयूएमएल      03

जेकेएनसी         03

अन्य               05

 

अन्य                99

टीएमसी          22

वाईएसआरसीपी 22

बीजेडी              12

बीएसपी            10

टीआरएस        09

एसपी              05

निर्दलीय          03

अन्य              16

NDA VS INDIA: इस तरह से एनडीए के खाते में 352 सीटें आईं थीं, जबकि विपक्ष को 190 सीटें मिली थीं। अगर विपक्ष के 15 दल एकसाथ आ गए तो भाजपा की चुनौतियां करीब 100 सीटों पर बढ़ जाएंगी। ये वो सीटें हैं, जहां 2019 चुनाव में भाजपा ने कुछ सौ से लेकर 50 हजार वोटों तक से जीत हासिल की थी। 

NDA VS INDIA: गौरतलब है, विपक्षी दल मणिपुर मुद्दे पर लंबी चर्चा की मांग कर रहे हैं। इसके लिए कई विपक्षी सांसदों ने स्थगन नोटिस दिया था। विपक्ष इस मुद्दे पर बिना किसी समय की पाबंदी के सभी दलों को बोलने की अनुमति के साथ बहस चाहता है। इसी को लेकर गुरुवार को मानसून सत्र शुरू होने के बाद से लगातार विपक्ष इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन कर रहा है। वहीं, दूसरी ओर सरकार ने विपक्ष पर इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर बहस से भागने का आरोप लगाया है और इसके प्रति उनकी गंभीरता पर सवाल उठाया है। विपक्ष ने भी सरकार पर पलटवार करते हुए बहस से भागने का इल्जाम लगाया है। 

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