वन माफियाओं को संरक्षण प्रदान कर रहे जिम्मेदार, दे रहे अवैध कटान को बढ़ावा
लालगंज, रायबरेली। कोतवाली क्षेत्र के हल्का नंबर तीन पर इन दिनों हरे पेड़ों की कटाई धड़ल्ले से दिनदहाड़े हो रही है। हल्का पुलिस और हल्का नंबर तीन से संबंधित वन दरोगा व वनरक्षक की सांठ-गांठ से क्षेत्र में प्रतिबंधित पेड़ों की कटाई धड़ल्ले से चल रही है।
वन विभाग की लापरवाही के चलते क्षेत्र में धड़ल्ले से हरे पेड़ों की कटाई की जा रही है। अवैध कटान रोकने की बजाय जिम्मेदार ढ़िलाई बरत रहे हैं और उन्हें संरक्षण प्रदान कर रहे हैं। जिम्मेदारों का संरक्षण प्राप्त कर वन माफिया बेखौफ होकर हरियाली मिटाने पर आमादा दिख रहे हैं। बावजूद जिम्मेदार वन माफियाओं पर शिकंजा नहीं कस पा रहे हैं।
शिकंजा न कस पाने का प्रमुख कारण कुछ और नहीं बल्कि अवैध कटान के एवज में मोटी रकम लेना है,जिस वजह से जिम्मेदार सब कुछ जानकर भी अंजान बने हुए हैं और वन माफियाओं को मूक सहमति दे रखी है।
इसके अलावा प्रशासन की आंखें भी नोटों की चकम से चौंधियां गई हैं और वन विभाग के साथ-साथ उन्हें भी कुछ दिखाई नहीं दे रहा है। जिम्मेदारों की तरफ से लगातार अनदेखी की जा रही है। सरकार हर वर्ष हरियाली को बढ़ावा देने के लिए पौधरोपण अभियान चलाती है।
इस पर शासन द्वारा करोड़ों रुपए पानी की तरह खर्च किए जाते हैं,जबकि उसकी सुरक्षा को लेकर संबंधित विभाग ही लापरवाही बरतते हैं और सरकार के मंसूबे पर फानी फेरने पर आमादा दिख रहे हैं। इस समय तहसील डलमऊ क्षेत्र में फलदार पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है।
वन माफिया हरे पेड़ों पर कुल्हाड़ी व इलेक्ट्रिक आरा चलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। किसान बिना अनुमति के फलदार पेड़ों को ठेकेदारों को बेच देते हैं। इससे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है। बीते दिनों तीन ठेकेदारों ने नीब,जामुन सहित दर्जनों हरे प्रतिबंधित पेड़ों को काट दिया।
अवैध तरीके से प्रतिबंधित पेड़ों को काटने वालों पर कड़ी कार्यवाही न होने के कारण इस पर प्रतिबंध नहीं लग पा रहा है। वन माफियाओं पर रोकथाम नहीं होने के कारण क्षेत्र में अब चारों ओर ठूंठ ही नजर आते हैं!इस समय आम, इमली, बबूल, जामुन, बरगद, नीम प्रजाति के पेड़ों की कटाई धड़ल्ले से जारी है।
वन माफिया धड़ल्ले से पेड़ों की कटाई कर मोटी रकम अपनी जेबों में भर रहे हैं। हालांकि इस खेल में वन विभाग व हल्का पुलिस मिली हुई है जिसके चलते वन माफियाओं के हौसले बुलंद दिख रहे हैं।
- संदीप कुमार फिजा