सफाईकर्मी चला रहे दफ्तर, साहब घर पर

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सफाई भगवान भरोसे

राकेश कुमार अग्रवाल

कुलपहाड ( महोबा ) । जब व्यवस्थापक ही लापरवाह हो तो समस्याओं का सिर उठाना लाजिमी है। सफाई व्यवस्था जिले के जैतपुर विकासखंड में पटरी से उतरी हुई है क्योंकि एडीओ पंचायत दफ्तर आते नहीं ऐसे में गांवों में तैनात सफाई कर्मी सफाई करने के बजाए दफ्तर चला रहे हैं।

विकास खंड जैतपुर में तैनात 70 सफाई कर्मचारी अपने कार्य को अंजाम नहीं दे रहे हैं क्योंकि यहां तैनात एडीओ पंचायत कमलेश अनुरागी कभी दफ्तर आते ही नहीं। उनकी निष्क्रियता के कारण कोई भी सफाई कर्मचारी गांव में नहीं जा रहा है। इक्का दुक्का सफाई कर्मी जाते भी हैं तो केवल खानापूर्ति कर वापस चले जाते हैं। इस समय जबकि देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है माननीय प्रधानमंत्री जी का सफाई व्यवस्था पर विशेष जोर है लेकिन यहां के लापरवाह अधिकारियों को इसकी कोई परवाह नहीं है। और मनमाने ढंग से इन सफाई कर्मियों की तैनाती किए हुए हैं।

जैतपुर विकासखंड की 12 पंचायतों में गैर आबाद मजरों में सफाई कर्मचारी तैनात किए गए हैं। जिसमें मुख्य रूप से कुलपहाड़ ग्रामीण के गैर आबाद मजरों में जहां कोई आबादी नहीं है वहां सफाई कर्मियों की तैनाती है। ऐसी ही 12 ग्राम पंचायतें हैं जहां 12 सफाई कर्मी तैनात किए गए हैं लेकिन इन पंचायतों में कोई सफाई कर्मी नही जाता है।

विडम्बना का विषय यह है कि ग्राम पंचायत जैतपुर, मुढारी, अजनर, सुंगिरा, जैसी बड़ी ग्राम पंचायतों में एक-एक सफाई कर्मी तैनात किए गए है। और छोटी-छोटी पंचायतों में दो सफाई कर्मी लगाए गए हैं ।यह सब एडीओ पंचायत जैतपुर के द्वारा किया जा रहा है. और तो और एडीओ साहब अपने कार्यालय में 4 सफाई कर्मचारी तैनात किए हुए हैं । जिनमें मुख्य रूप से जीतू नाम का सफाई कर्मचारी लिपिक का काम कर रहा है। यह सफाई कर्मचारियों का लीडर बना हुआ है और सफाई कर्मचारियों को धमकाकर वेतन रोकने व सस्पेंड करने की धमकी देकर उनसे वसूली भी कर रहा है। अन्य तीन सफाई कर्मचारी ऑफिस के काम में लगे हुए है।इसी कारण चारों ओर गंदगी फैली हुई है इस समय सफाई के नाम पर लाखों की धनराशि दी जा रही है। इस समय सरकार द्वारा सैनिटाइजर, दवा छिड़कने वाली, झाड़ू, छिड़कने वाली मशीन की आपूर्ति प्रत्येक ग्राम पंचायत में की गई है लेकिन यह सामग्री भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। जब सफाई नहीं होना है तो ऐसे में स्वच्छता सामग्री की आपस में बंदरबांट हो जाती है। गौरतलब है कि पंचायती राज निदेशक किंजल सिंह सभी अधिकारियों को लिखित आदेश से निर्देशित कर चुकी हैं कि वे सफाई कर्मियों को अविलम्ब अपने बंगलों और कार्यालयों से संबंधित क्षेत्रों में सफाई के लिए भेजें।

विकासखंड जैतपुर की सफाई व्यवस्थाओं की इसलिए जांच होना चाहिए और दोषी कर्मचारियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही होना चाहिए जो सफाई कर्मियों से दफ्तर चलवा रहे हैं।

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