12 अप्रैल से वन विभाग ने शुरू करवा दिया चेकडैम निर्माण कार्य, कागज में मार्च में हो गया था पूरा
उप प्रभागीय वन अधिकारी ने बरगढ़ क्षेत्रीय वन अधिकारी से चेकडैम के नाम कराया फर्जी भुगतान ! पोल खुलने के डर से शिकायत के पश्चात लॉक डाउन में ही शुरू करा दिया निर्माण कार्य
आशीष सागर दीक्षित (स्वतंत्र पत्रकार)
गोलमाल है भाई सब गोलमाल है। मायावती शासन के दौरान करोड़ो पौधे लगाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ड रिकार्ड हथियाने वाले वन विभाग के कारनामे हमेशा से बहुत खास रहे है। लेकिन इस बार का कारनामा तो इतना खास है कि अमेरिका के राष्ट्रपति को शर्म आने लगे। हैरत की बात तो यह है कि झूठ बोलने का इंटरनेशनल लाइसेंस रखने वाले इस विभाग के अधिकारी जल्द ही एक बड़ा कारनामा करने की फिराक में है।
चित्रकूट। वन विभाग चित्रकूट में इन दिनों भ्रष्टाचार ने कुछ इस तरह से पांव पसार लिया है जिसके आगे शासन की मंशा भी धूल फांकती नजर आ रही है। उधर कोविड-19 कोरोना वायरस के प्रकोप में केंद्र व प्रदेश की सरकार जी जान से लगी है और देशभर में लाखों कर्मचारियों को लाक डाउन का पालन कराने में लगा दिया हैं। प्रशासन ने जगह-जगह सीमा सील कर परिवहन आवागमन तक रोक रखा है। वहीं सोशल डिस्टेंस के अनुपालन में तो सरकारी / गैर सरकारी निर्माण कार्यों पर रोक लगी। बतलाते चले प्रथम चरण के 1.0 लॉक डाउन 21 दिन बंदी में जो कि 14 अप्रैल को पूरा हुआ हैं तक सभी निर्माण कार्य बन्द रहे है। इसके बावजूद वन विभाग चित्रकूट के जिम्मेदार अफसरों द्वारा वनरेंज में सरकारी धन बंदरबांट करने को चेकडैम निर्माण कार्य कराया गया है। उल्लेखनीय हैभ्रष्टाचार की कलई खुलने के भय से केंद्र व प्रदेश सरकार के मंशा को अनदेखा कर यह निर्माण कार्य हुआ हैं।
सूत्रधार से प्राप्त जानकारी अनुसार चित्रकूट वन प्रभाग के वन क्षेत्र बरगढ़ अंतर्गत परदवां में लॉक डाउन को नजरअंदाज करते हुए क्षेत्रीय वन अधिकारी राजू श्रीवास द्वारा 12 अप्रैल से चकडैम निर्माण का कार्य प्रारंभ करा दिया गया क्योंकि उपरोक्त चेकडैम को कागज पर दिखाकर फर्जी लगभग 10 लाख रुपए मार्च 2020 में निकाल लिया गया हैं। इसकी शिकायत होते ही डीएफओ / एसडीओ व रेंजर समेत पूरे वन विभाग में खलबली मच गई हैं। बात शासन तक पहुंचे उससे पहले ही उपरोक्त अधिकारियों कर्मचारियों को भय कुछ इस तरह सताने लगा कि यह शासन की मंशा की धज्जियां उड़ाते हुए लॉक डाउन का उल्लंघन करने पर मजबूर हो गए है। आनन-फानन में लगभग दो दर्जन मजदूरों को परदवां के जंगल में भेज कर 12 अप्रैल 2020 से निर्माण कार्य प्रारंभ करा दिया गया। वीरान जंगल में ही दो दर्जन मजदूरों को ठहरने की व्यवस्था भी क्षेत्रीय वन अधिकारी बरगढ़ राजू श्रीवास ने कर दी है जो इकट्ठा होकर निर्माण कार्य कर रहे हैं। परदवां चेक डैम में कार्य करने वाले रैपुरा निवासी मिस्त्री ने अपना नाम न बताते हुए जानकारी दी की उनके द्वारा 25 लोग को साथ में लेकर 12 अप्रैल से चेक डैम निर्माण का कार्य प्रारंभ किया गया है जो दिन रात वहां रहकर चेक डैम को तैयार करने में जुटे हैं साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि रेंजर साहब ने उन्हें जल्द से जल्द चेकडैम निर्माण के लिए कहा है तथा कर्मचारी शिवाकांत शुक्ला से दूरभाष के माध्यम से बात कराई तो कर्मचारी शिवाकांत शुक्ला ने दबी जुबान से जानकारी दी कि उप प्रभागीय वन अधिकारी राजेश कुमार दीक्षित उर्फ आर. के दीक्षित वन मंत्री के करीबी हैं!!! इसलिए इनके द्वारा क्षेत्रीय वन अधिकारी बरगढ़ राजू श्रीवास से फर्जी बिल बाउचर तैयार करवा कर लगभग 10 लाख रुपए चार्ज कर लिए हैं जिसकी शिकायत हो गई है। इसी मद्देनजर चेकडैम का निर्माण आनन-फानन में कराया जा रहा है। उपरोक्त प्रकरण पर क्षेत्रीय वन अधिकारी बरगढ़ राजू श्रीवास से दूरभाष के माध्यम से बातचीत की गई तो उन्होंने भी दबी जुबान से उप प्रभागीय वन अधिकारी श्री आर के दीक्षित की तरफ इशारा करते हुए कहा की फंसा दिए हैं….अब अधिकारी हैं और नौकरी करनी है तो उनकी बात माननी ही पड़ती है !!! चेकडैम निर्माण की जल्दबाजी से स्पष्ट है कि इन दिनों वन प्रभाग चित्रकूट में प्रभागीय वन अधिकारी राजेश कुमार दीक्षित द्वारा शासन को घुटनों पर रखते हुए फर्जी बिल बाउचर तैयार करा कर लगातार फर्जी भुगतान किया व कराया जा रहा है जो लॉक डाउन में केंद्र व प्रदेश सरकार के मंशा के विरुद्ध है। स्थानीय समाजसेवी दिलीप कुमार अजय द्विवेदी राम जी आदि लोगों द्वारा जिलाधिकारी व केंद्र व प्रदेश की सरकार से चित्रकूट वन प्रभाग में हो रहे भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच कराए जाने को लेकर धरना प्रदर्शन करने की बात कहीं है। उन्होंने कहा कि लॉक डाउन का जानबूझकर उल्लंघन करने पर वन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। बड़ी बात है एसडीओ आर के दीक्षित बाँदा के सामाज़िक कार्यकर्ता / स्वतंत्र पत्रकार आशीष सागर दीक्षित की शासन को पौधरोपण मामले में की शिकायत के जांच अधिकारी डीएफओ द्वारा बनाये गए है। हास्यास्पद है डीएफओ कैलाश प्रकाश ने अपनी मुसीबत एसडीओ के ऊपर मढ़कर पल्ला झाड़ लिया और एसडीओ कुंभकर्ण की गहरी नींद में मस्त है। फिलहाल शबरी जलप्रपात के निर्माण कार्यों में घपले वाले इज्जतदार वन अधिकारी इस चेकडैम का आइसोलेशन कैसे तोड़ बैठे यह जांच का गम्भीर विषय है।।