लाॅकडाउन पीरियड में जोखिम उठाकर, जिले के मरीजों को दवा उपलब्ध करा रहे हैं
कुलपहाड (महोबा)। कोरोना के कहर के चलते लाॅकडाउन पीरियड उन मरीजों पर भारी पड रहा है जिनका इलाज दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, कानपुर, ग्वालियर और लखनऊ जैसे शहरों में चल रहा है। पीडित मरीज न उपचार के लिए संबंधित शहरों में जा पा रहे हैं न ही उनको वहां के चिकित्सकों द्वारा प्रिसक्राइब्ड दवायें मिल पा रही हैं। ऐसे में जिलाधिकारी के निर्देश पर कुलपहाड और बेलाताल के मेडीकल स्टोर संचालकों ने पीडित मरीजों को दवाएं उपलब्ध कराने का बीडा उठाया है।
महोबा की उषा गोपाल हों या सोनिया या फिर प्रेमलता या गौरहारी के सुमित कुशवाहा या फिर चरखारी की देविका सिंह, या श्रीनगर के भविष्य शुक्ला और वीरेंद्र तिवारी महोबा की प्रेमलता ये उन चंद मरीजों में शुमार हैं जिनका इलाज अन्यत्र शहरों में चल रहा है। ये लोग जब भी डाक्टर को अपना चेकअप कराने जाते हैं वहीं से डाक्चर द्वारा सुझाई दवाएं साथ में लेकर आते हैं लेकिन कोरोना के चलते देशव्यापी लाॅकडाउन ने इन मरीजों की मुसीबतों को और बढा दिया क्योंकि ये मरीज न चेकअप कराने जा पा रहे न ही इनकी दवाईयां जिले के किसी मेडीकल स्टोर पर मिल पी रही हैं। सभी मरीजों ने ऐसे में जिलाधिकारी महोबा से गुहार लगाई। जिलाधिकारी ने उन्हें यहीं दवायें उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।
जिलाधिकारी अवधेश कुमार तिवारी के निर्देश पर जिला औषधि निरीक्षक आशुतोष चौबे ने कुलपहाड के अग्रवाल मेडीकल स्टोर और बेलाताल के अरविन्द मेडीकल स्टोर को निर्देश दिए कि वे लखनऊ, झांसी , कानपुर कहीं से भी सभी मरीजों की दवाओं को मंगाकर उन्हें उपलब्ध करायें। इसके लिए उन्हें दवा खरीद के लिए ई वाहन पास भी जारी करवाया गया है। अग्रवाल मेडीकल स्टोर के संचालक प्रमोद कुमार अग्रवाल के अनुसार मानव सेवा ईश्वर की सबसे बडी सेवा है। इसी पर चलकर वो डीएम साहब और ड्रग इंस्पेक्टर साहब के निर्देशों पर अमल करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने अपना वाट्सएप नंबर भी जारी किया है ताकि मरीजों को असुविधा न हो और दवा की उपलब्धता पर वे उन्हें सूचित कर दवा उपलब्ध करा रहे हैं। इसके अलावा, मास्क, सेनेटाइजर आदि सभी जरूरी सामान की उपलब्धता का प्रयास भी किया जा रहा है।
महोबा की तबस्सुम प्रेगनेंट हैं उनको चिकित्सक ने जो इंजेक्शन बताया वो जिले में कहीं मिला नहीं। जब अग्रवाल मेजीकल स्टोर की ओर से उनके घर इंजेक्शन उपलब्ध कराया गया तो खुशी के मारे तबस्सुम रो पडीं।
चरखारी की देविका के मुताबिक आप न ऐसे मौके पर दवा उपलब्ध कराकर हनुमान जी की भूमिका निभा दी है।