आरोग्य सेतु ऐप के गुणों से ग्रामवासियों को कराया जा रहा अवगत
चित्रकूट। कोरोना से बचाव की मुहिम में जन शिक्षण संस्थान गांव में जाकर बचाव की नसीहत देने के साथ मास्क भी बांट रहा है। चित्रकूट क्षेत्र के अंतर्गत 59 ग्राम पंचायत स्तर पर मास्क वितरण का काम शुरू किया है। एक दिन में पांच से छह गांव में मास्क पहुंचाए जाते हैं।
इसके अलावा जो लोग फोन करते हैं, उन्हें भी मास्क मुहैया कराया जाता है। मास्क तैयार करने की जिम्मेदारी जन शिक्षण संस्थान के द्वारा सिलाई-कढ़ाई सीखने वाली युवतियां संभाल रही हैं। लड़कियां अपने घरों में मास्क तैयार करती हैं। कपड़ा व अन्य सामग्री संस्था देती है।
दीनदयाल शोध संस्थान चित्रकूट प्रबंधन के अंतर्गत भारत सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के द्वारा संचालित जन शिक्षण संस्थान चित्रकूट में 15 से 45 वर्ष के कम पढ़े लिखे युवक-युवतियों को व्यवसायिक प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने का विशेष मंच प्रदान कर रहा है। प्रत्येक वर्ष 1800 युवक-युवतियों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए विभिन्न ट्रेडों में व्यवसायिक प्रशिक्षण देता है। 70 मास्टर ट्रेनरों के माध्यम से यह कार्य संभव हो पाता है।
कोरोना महामारी के संक्रमण के चलते संपूर्ण देश में लाॅक डाउन होने के कारण जन शिक्षण संस्थान के प्रबंध मंडल के अध्यक्ष श्री अभय महाजन की प्रेरणा से तय किया गया कि सिलाई के समस्त प्रशिक्षक और प्रशिक्षणार्थी मास्क बनाकर किसानों को और सफाई एवं सुरक्षा में लगे लोगों तक निशुल्क वितरित करेंगे।
जन शिक्षण संस्थान द्वारा अपने प्रशिक्षकों और प्रशिक्षणार्थियों के सहयोग से, ग्रामीण स्तर पर वहां के प्रधानों की मदद से तथा दीनदयाल शोध संस्थान के सहयोगी कार्यकर्ता, ग्राम संयोजक दंपत्ति, कृषि ज्ञानदूत, रोजगार प्रेरक, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और पशु स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से ग्रामवासियों को कोरोना वायरस से बचाव के बारे में बताकर जागरुक करते हुए लाॅकडाउन का महत्व भी बताया जा रहा है।
जन शिक्षण संस्थान के कार्यकारी निदेशक राजेंद्र सिंह ने बताया कि चित्रकूट जिला भले ही कोरोना के संक्रमण से मुक्त है, फिर भी सावधानी के तौर पर मास्क बांटे जा रहे हैं। जन शिक्षण संस्थान के द्वारा ही 1500 मास्क बांटे जा चुके हैं। इसके अलावा प्रत्येक स्तर का कार्यकर्ता अपने घर में मास्क बनाकर निःशुल्क वितरित कर रहा है। गांव के प्रधान भी अपने स्तर से प्रयास कर रहे हैं। अभी तक 12 हजार से अधिक मास्क संयुक्त प्रयास से बांटे जा चुके हैं। साथ में गमछे का महत्व भी बताया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि गांव-गांव मास्क बांटने के दौरान ज्ञात हुआ कि गांव में समस्या न के बराबर है। वहां पर पूरी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है। दीवाल लेखन के माध्यम से, पोस्टर-बैनर के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जिन ग्रामवासियों के पास एंड्रॉयड एवं आईफोन मोबाइल है, उनको भारत सरकार की कोरोनावायरस से बचाव की ऐप आरोग्य सेतु ऐप के गुणों से अवगत कराकर डाउनलोड कराया जा रहा है।