सूखे बुंदेलखंड को रेगिस्तान बनाने में जुटे लकड़ी माफिया

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चरखारी ( महोबा ) , वर्षों तक सूखे की विभीषिका झेल चुके क्षेत्र पर इस समय लकड़ी के माफियाओं की नजर गढ़ चुकी है जो समूचे जिले में फ्यूल वुड के नाम पर संरक्षित प्रजाति के वृक्ष भी कटवा रहे हैं।

चरखारी के रुपनगर वार्ड में लंबे समय से लकड़ी माफिया द्वारा अवैध रूप से लकड़ी का डंप चलाया जा रहा है जहां प्रतिदिन दर्जनों ट्रकों में संरक्षित व गैर संरक्षित लकड़ी लखनऊ ,कानपुर सहित बड़े शहरों सहित हरियाणा व दिल्ली के लकड़ी कारोबारियों एंव ईंट भट्टा मालिकों के पास पहुँचायी जा रही है एवं लकड़ी के अवैध कारोबार से करोडों की काली कमाई की जा रही है जबकि चरखारी के जिम्मेदार अधिकारियों के कानों में जूँ तक नहीं रेंग रही है, चरखारी क्षेत्र के किसानों को बरगालाकर लकड़ी माफिया उनके खेत-खलिहानों से कम दाम पर लकड़ी खरीदकर बड़े शहरों में ऊँचे दाम पर बेंच रहे हैं।

समाजसेवी वीरेन्द्र तिवारी का कहना है कि लगातार कई महीनों से क्षेत्र में पेडों की हो रही अबैध कटाई से क्षेत्र में वाटर लेवल गिर जायेगा जिससे भीषण जलसंकट पैदा हो जायेगा और सूखे की स्थिति पैदा होगी। इस मामले पर वनक्षेत्राधिकारी श्रीराम निरंजन ने कहा कि लकड़ी के डंप का रजिस्ट्रेशन नहीं होता है यदि संरक्षित प्रजाति के वृक्ष काटे जा रहे तो यह अवैध है मामले की जांच कर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।

रिपोर्ट- राकेश कुमार अग्रवाल

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