रेलवे कर रही रीयूज़ेबल फेसकवर एवं सैनेटाइज़र का उत्पादन

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साठ हजार जरूरतमंदों को कराया निशुल्क भोजन

राकेश कुमार अग्रवालकुलपहाड (महोबा)। रेलवे लाकडाउन के दौर में रीयूजेबल फेसकवर और सेनेटाइजर के निर्माण में जुटा हुआ है। अकेले प्रयागराज मंडल में ही एक लाख से अधिक रीयूज़ेबल फेसकवर का निर्माण किया जा चुका है।लॉकडाउन में सरकार के निर्देश के तहत हॉट स्पॉट क्षेत्र से बाहर अवस्थित कार्यालयों को निर्धारित सामाजिक दूरी और स्वच्छता मानदंडों के साथ काम करने की अनुमति दी गई है। रेलवे ने सभी विभागों में यह व्यवस्था लागू की है कि कनिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड से नीचे के अधिकारी और कर्मचारिंयो की संख्या 33% तक सीमित रहे और शेष लोगों को उचित सामजिक दूरी की व्यवस्था सुनिश्चित करने के उद्देश्य से घर से काम करने को कहा गया है। भारत सरकार के निर्देश पर रेलवे कैंटीन नहीं खोली जायेंगी।जनसंपर्क अधिकारी ममोज कुमार सिंह के अनुसार उत्तर मध्य रेलवे फेसकवर और सैनिटाइज़र के उत्पादन में एक अग्रणी क्षेत्रीय रेलवे है।उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज मंडल 19 अप्रैल तक एक लाख से अधिक रीयूज़ेबल फेस कवर का उत्पादन कर चुका है।कोविड-19 के कारण लागू लॉकडाउन अवधि में उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय एवं तीनों मंडलों के कर्मचारी स्वेच्छापूर्वक असहाय और गरीब लोगों को तैयार भोजन उपलब्ध करा रहे हैं। उत्तर मध्य रेलवे अपने रेल सुरक्षा बल, स्काउट एवं गाइड, आई आर सीटीसी के बेस किचन, कर्मियों के सामूहिक प्रयासों के माध्यम से ये भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। उत्तर मध्य रेलवे द्वारा लॉकडाउन अवधि में अबतक अपने इन प्रयासों से 60000 से अधिक जरूरतमंदों को भोजन प्रदान कर सहायता प्रदान की गई।

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