महोबा , राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशों के अनुक्रम में जनपद न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जे0पी0 यादव के आदेशानुसार बुधवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में अपर जिला जज एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण तेन्द्र पाल द्वारा जिला उपकारागार का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान ऐसे निरूद्ध बंदी जो दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 436(क) दं0प्र0सं0 से आच्छादित हैं तथा पूर्ण सजा के सापेक्ष आधी सजा से अधिक अवधि व्यतीत कर चुके हैं।
उससे संबंधित बंदियों के मामलों को देखा गया। अपर जिला जज एवं सचिव तेन्द्र पाल द्वारा निर्देशित किया गया कि जो भी बंदी उक्त निर्देशों के अनुरूप रिहाई के पात्रता के अन्तर्गत आते हैं उनके नियमानुसार रिहाई की आवश्यक कार्यवाही की जायें। तत्पश्चात पाकशाला तथा बैरकों का निरीक्षण किया तथा निरंतर स्वच्छता बनाये रखने हेतु निर्देशित किया। सचिव द्वारा धारा 436(क) दण्ड प्रक्रिया संहिता एवं ऐसे बन्दी जिनकी जमानत न्यायालय से हो चुकी है परन्तु जमानतदार के अभाव में कारागार में निरूद्व हैं l बन्दियो से प्राप्त प्रार्थना पत्रों के सम्बन्ध में जेलर उपकारागार को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये। जिला उपकारागार में निरूद्ध बंदियों की समस्याओं को सुना गया जिसमें निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराने, नियमित रूप से बंदियों के लिए दवा उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया।
उन्होने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ द्वारा जेल मे निरूद्ध बन्दियो के लिये चलाये जा रहे समीक्षा अभियान के सम्बन्ध में भी बताया गया उन्होने जेल में निरूद्ध बंदियों की समस्याओं की सुनवाई सुनिश्चित करते हुये जेल के बंदियों को विधिक सहायता उपलब्ध कराने हेतु निर्देश दिया तथा कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पात्र बंदियों के विधिक सहायता प्रदान किये जाने हेतु सदैव तत्पर हैं। निरीक्षण के दौरान लीगल एड डिफेंस काउसिंल सिस्टम के चीफ रामऔतार सिंह, डिप्टी रामनरेश नरेश यादव, व असिस्टेंट हरेन्द्र मिश्रा, विधि प्रशिक्षु कु0 पावनी नागर एवं जेलर शिवमूरत सिंह सहित अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।
रिपोर्ट- राकेश कुमार अग्रवाल
अपर जिला जज ने जिला उपकारागार का औचक निरीक्षण कर देखे बंदियों के मामले
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