गोरखपुर: अनुशासन और नियमों का पाठ पढ़ाने वाले ही जब उसकी धज्जियां उड़ाने लगें, तो फिर आम आदमी की क्या कहें. जमीन पर हो रहे अवैध कब्जे की शिकायत मिली, तो भाजपा विधायक से रहा नहीं गया. वे मोटरसाइकिल पर ही सवार होकर निकल पड़े. लेकिन, इस दौरान उन्हें ट्रैफिक के नियम भी याद नहीं रहे. वे एक सहयोगी की मोटरसाइकिल पर बैठे और चल दिए बगैर हेलमेट. इस दौरान बाइक चला रहे युवक को भी इस बात का ख्याल नहीं रहा कि उसने हेलमेट नहीं पहन रखा है. वे खुद ही नारे भी लगवाते हैं. खुद ही वीडियाो भी बनवाते हैं. और खुद ही ये भी कहते नजर आते हैं कि भई गिरा न देना. अब तो पूरी पिक्चर आपको समझ में आ ही गई होगी.
गोरखपुर की सड़कों पर मोटरसाइकिल के पीछे बैठकर फर्राटा भर रहे इस भगवा गमछा डाले चेहरे को जरा गौर से देखिए. ध्यान से देखिएगा, तो आप इन्हें आसानी से पहचान भी जाएंगे. ये हैं सीएम सिटी के जाने-माने शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डा. राधा मोहन दास अग्रवाल. लेकिन, दो दशक से इन्हें शहर के लोग नगर विधायक के रूप में जानते हैं. चार बार से लगातार गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने जाने वाले डा. राधा मोहन दास अग्रवाल पिछली सरकार में भाजपा विधानमंडल दल के मुख्य सचेतक भी रहे हैं.
शहर का हर आम और खास इनका मुरीद है. हिन्दू-मुसलमान, सिख और ईसाई के साथ हर वर्ग के लोग इन्हें अच्छी तरह से पहचानते भी हैं. बच्चे, बुजुर्ग और जवान भी इनके ईमानदारी के किस्से सुनाते मिल जाएंगे. जहां भी जनहित के कार्यों में शिकायत मिली, विधायक जी वहां तुरंत अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक पर जुबान के थर्मामीटर से थर्ड डिग्री का इस्तेमाल करने लगते हैं. हाल ही में उन्होंने सीएए की वजह से उनके विधानसभा के किसी भी मुसलमाने को देश से बाहर निकाले जाने पर विधायिकी छोड़ने का वायदा करके मुसलमानों का दिल जीत लिया था. इससे वे काफी चर्चा में भी आए थे.
इसके अलावा कभी रिक्शा तो कभी साइकिल के साथ पैदल ही अकेले मार्निंग वॉक करते नजर आने विधायक जी कभी खुद कार ड्राइव करते हुए गोरखपुर की सड़कों पर जाम में फंसे मिल जाएं, तो भी हैरान मत होइएगा. वे खास हैं इसकी पहचान के लिए आपको उनके गले में पड़े भगवा पट्ट को देखना होगा. कुछ साल पहले वे लेडी सिंघम के नाम से मशहूर आईपीएस चारू निगम को सरेआम बेइज्जत कर रुलाने को लेकर मीडिया में खूब किरकिरी भी झेल चुके हैं. लेडी आईपीएस की आंख से छलका आंसू उन्हें काफी महंगा पड़ गया था. लेकिन, विधायक जी को इन सब बातों की कोई परवाह भी नहीं है. वे जो करते हैं सबके सामने बेखौफ ही करते हैं.
अब मंगलवार की बात ही ले लीजिए. नगर विधायक डा. राधा मोहन दास अग्रवाल को इस बात की जानकारी मिली कि शहर के तुर्रा नाला से रामगढ़ताल तक जलाशय की जमीनों पर भू-माफियाओं के कब्जे हैं. बस विधायक जी ने भी न आव देखा न ताव, बस निकल पड़े मोटरसाइकिल पर बैठकर निरीक्षण करने. भू-माफियाओं द्वारा धन उगाही की बात सामने आने पर वे काफी गंभीर हो गए. सात किलोमीटर लंबे नाले का मोटरसाइकिल से ही निरीक्षण करने लगे.
नगर विधायक डा. राधा मोहन दास अग्रवाल ने कहा कि शहर के उत्तरी-पूर्वी हिस्से के तकरीबन दस वार्ड हैं. छह-सात वार्ड के 1 लाख नागरिक हैं. भू-माफियाओं के पैसा कमाने के लिए नागरिकों की कब्जा करने की आदत और अधिकारियों की लापरवाही के कारण खत्म होते जा रहे हैं. इसके बीच में प्राकृतिक नाले पर कब्जा किया गया है. प्राकृतिक नाले पर कब्जा नहीं किया जा सकता है. विधानसभा में इस मुद्दे को उठाऊंगा. जमीन को मुआवजा देकर जमीन को सरकारी बनाना होगा. जहां पर मैं खड़ा हूं, ये भी प्राकृतिक नाला है. इसे पूर्व स्थिति में लाने का प्रयास किया जाएगा. डा. राधा मोहन दास अग्रवाल चार बार से विधायक हैं. लेकिन, उन्हें ये समझने में काफी देर लग गई कि बरसात में पानी क्यों लग जाता है.