रायबरेली : केंद्र सरकार की घोषणा के बाद जिले के किसानों के चेहरे खिल उठे हैं। किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से उन्हें रियायती ऋण मिल सकेगा। ताकि कोरोना महामारी के दौर में स्वरोजगार के जरिए वे आर्थिक तंगी से उबर सकें। इसमें पशुपालन और मत्स्य पालन करने वाले किसानों को भी लाभ मिलेगा।
जिले में करीब दो लाख 80 हजार किसान केसीसी धारक हैं। किसानों को केंद्र सरकार की ओर से दो लाख रुपये का ऋण देने का प्रावधान किया गया है। लेकिन, अभी कार्ययोजना आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। इस बार मत्स्य और पशुपालन विभाग में भी किसानों के केसीसी बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। जिसमें किसानों को दो लाख रुपये तक का ऋण दिया जा सके। 13231 किसानों को मिला क्लेम
2019 खरीफ फसल में जिले के 82351 किसानों ने बीमा कराया था। जिसमें 13231 किसानों को दो करोड़ 56 लाख 29 हजार 112 रुपये क्लेम दिया गया है। वहीं रबी सीजन में 83057 किसानों का बीमा किया गया था। इस फसल में लॉकडाउन में सर्वे का काम प्रभावित हुआ है। जिससे क्लेम का निर्धारण नहीं हो सका है। केसीसी होने पर फसल बीमा का प्रीमियम कट जाता था। लेकिन, अब फसल बीमा नहीं कराना है तो बैंक में लिखकर देना होगा। जिसके बाद उसका प्रीमियम नहीं काटा जाएगा। 981 किसान रहेंगे लाभ से वंचित
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी जीपी सिंह ने बताया कि पशुपालन के लिए दो लाख रुपये की लिमिट निर्धारित की गई थी। जिसके बाद विभाग की ओर से जिले में 793 किसानों के आवेदन बैंकों को भेजे गए। जिसमें मात्र चार स्वीकृत हो सके हैं। वहीं मत्स्य पालन विभाग की उपनिदेशक सुनीता वर्मा ने बताया कि 2019-20 के लिए 207 किसानों को केसीसी बनाने का लक्ष्य था। 230 आवेदन बैंकों को भेजे गए थे। लेकिन, स्वीकृत केवल 15 हो सके हैं। जिससे ज्यादा किसानों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। बनाई जा रही केसीसी
कुछ ऐसे आवेदन जो पहले से ही एनपीए हैं। उन्हें लोन नहीं दिया जा सकता है। जो किसान मानकों को पूरा कर रहे हैं, उनकी केसीसी बनाई जा रही है। ताकि वे योजना का लाभ ले सकें।
विजय शर्मा, एलडीएम इनकी सुनें,
जनपद में ढाई लाख केसीसी धारक है। केद्र सरकार की गाइड लाइन आने के बाद केसीसी धारक किसान लाभांवित होंगे।
रविचंद्र प्रकाश, जिला कृषि अधिकारी