कैट ने चीनी सामान के बहिष्कार और भारतीय सामान के उपयोग को बढ़ावा देने के अपने राष्ट्रीय अभियान “भारतीय सामान-हमारा अभिमान” के अंतर्गत कमोडिटी की 450 से अधिक कैटेगरी की वृहद सूची जारी की.
सोमवार रात लद्दाख में चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय सैनिकों पर किए गए हमले की देशभर के व्यापारियों ने कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि चीन जब भी अवसर मिलता है, भारत की सम्प्रभुता को चुनौती देता है. चीन का यह रवैया देश के हितों के विरुद्ध है. इस बात को देशवासियों के ध्यान में लाते हुए कनफेडेरशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने चीनी सामान के बहिष्कार और भारतीय सामान के उपयोग को बढ़ावा देने के अपने राष्ट्रीय अभियान “भारतीय सामान-हमारा अभिमान” के अंतर्गत कमोडिटी की 450 से अधिक कैटेगरी की वृहद सूची जारी की.
इस सूची में 3000 से अधिक ऐसे उत्पाद हैं, जो चीन में निर्मित होकर भारत में आयात होते हैं. इनके बहिष्कार का आह्वान कैट ने अपने अभियान के प्रथम चरण में किया है. कैट ने दिसम्बर 2021 तक भारत द्वारा चीन से आयात में लगभग एक लाख करोड़ रुपये की कमी करने का लक्ष्य रखा है.
लिस्ट में क्या-क्या शामिल
कैट की इस सूची में रोजमर्रा में काम आने वाली वस्तुएं, खिलौने, फर्निशिंग फैब्रिक, टेक्सटाइल, बिल्डर हार्डवेयर, फुटवियर, गारमेंट, किचन का सामान, लगेज, हैंड बैग, कॉस्मेटिक्स, गिफ्ट आइटम, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, फैशन अपैरल, खाद्यान, घड़ियां, जेम्स एवं ज्वेलरी, वस्त्र, स्टेशनरी, कागज, घरेलू वस्तुएं, फर्नीचर, लाइटिंग, हेल्थ प्रोडक्ट्स, पैकेजिंग प्रोडक्ट, ऑटो पार्ट्स, यार्न, फेंगशुई आइटम्स, दिवाली एवं होली का सामान, चश्मे, टेपेस्ट्री मैटेरियल आदि शामिल हैं.
भारत में भी बनता है
ये सब
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कैट के अभियान को स्पष्ट करते हुए कहा कि वर्तमान में चीन से भारत द्वारा आयात लगभग 5.25 लाख करोड़ अर्थात 70 अरब डॉलर वार्षिक का है. कैट ने प्रथम चरण में उन 3000 से अधिक वस्तुओं का चयन किया है, जो भारत में भी बनती हैं लेकिन सस्ते के प्रलोभन में अब तक चीन से इन वस्तुओं का आयात हो रहा था. इन वस्तुओं के निर्माण में किसी प्रकार की कोई टेक्नोलॉजी की आवश्यकता नहीं है. इसलिए भारत में निर्मित वस्तुओं का प्रयोग चीनी वस्तुओं के स्थान पर बहुत आसानी से हो सकता है और भारत इन वस्तुओं के लिए चीन पर अपनी निर्भरता को काफी कम कर सकता हैं.
टेक्नोलॉजी बेस्ड चीजें फिलहाल शामिल नहीं
भरतिय एवं खंडेलवाल ने कहा कि भारत में अनेक वस्तुएं ऐसी हैं, जिनका निर्माण देसी एवं विदेशी कंपनियां भारत में कर रही हैं. फिलहाल ऐसी वस्तुओं को बहिष्कार के दायरे से बाहर रखा गया है. चीन में निर्मित वस्तुएं भारत में आयात न हो, यह हमारे अभियान का उद्देश्य है. उन्होंने यह भी कहा की बहिष्कार में हर प्रकार की चीनी एप्लिकेशन भी शामिल हैं. जिन वस्तुओं में टेक्नोलॉजी का महत्व है फिलहाल उनको बहिष्कार में शामिल नहीं किया गया है क्योंकि जब तक इस प्रकार की टेक्नोलॉजी का विकल्प भारत में विकसित नहीं हो जाता या भारत के किसी मित्र राष्ट्र द्वारा निर्मित नहीं होता, तब तक इस प्रकार की टेक्नोलॉजी वाली वस्तुओं के उपयोग के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं है. हालांकि कैट इस मामले को केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के सामने रखेगा और ऐसी वस्तुओं को भारत में निर्मित करने के लिए सरकार देश के लघु उद्योग, स्टार्टअप और अन्य उद्यमियों को हर प्रकार की सहायता प्रदान करे, इसका आग्रह भी करेगा.