Budget 2020: मोबाइल फोन समेत 50 आइटम होंगे महंगे! इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने की तैयारी में सरकार

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बजट में सरकार 50 प्रोडक्ट पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा सकती है.

इससे मोबाइल कंपनियां भी प्रभावित होंगी.

आने वाले दिनों में आपके मोबाइल हैंडसेट समेत कई जरूरी आइटम महंगे हो सकते हैं. असल में घरेलू इंडस्ट्री को बूस्ट देने के लिए सरकार कम से कम 50 आइटम पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने की तैयारी में है. इसमें इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल गुड्स, केमिकल्स और हैंडीक्रॉफ्ट आइटम शामिल हैं. पिछले हफ्ते रॉयटर्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक सरकार चीन से करीब 5600 करोड़ डॉलर के होने वाले सस्ते आयात से घरेलू इंडस्ट्री को राहत देने के लिए यह कदम उठाने जा रही है. इस बात की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में कर सकती हैं.

सरकारी सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार 1 फरवरी को पेश होने वाजे बजट में देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कई एलान संभव हैं. इसमें 50 आइटम पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने का भी एलान किया जा सकता है. जिन प्रोडक्ट की कीमतें इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने से ज्यादा होंगी, उनमें मोबाइल फोन चार्जर, इंडस्ट्रियल केमिकल, लैंप, लकड़ी के फर्नीचर, मोमबत्‍ती, ज्‍वैलरी और हैंडीक्राफ्ट आइटम शामिल हो सकते हैं.

स्‍मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों पर असर

साफ है कि ऐसा हुआ तो स्‍मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों पर असर होगा. कुछ कंपनियां अब भी चार्जर और वाइब्रेटर मोटर्स और रिंगर जैसे दूसरे कंपोनेंट भी इंपोर्ट करती हैं. आइकिया जैसी दिग्‍गज रिटेल कंपनियां भी इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ने से प्रभावित होंगी. आइकिया पहले भी भारत में ज्‍यादा कस्‍टम ड्यूटी को एक बड़ी चुनौती बता चुकी है.

प्रोडक्ट की हो चुकी है पहचान

रिपोर्ट के मुताबिक सरकार उन सभी प्रोडक्ट की पहचान कर चुकी है, जिन पर इंपोर्ट ड्यूटी 5-10 फीसदी बढ़ाई जानी है. इन प्रोडक्ट पर ड्यूटी बढ़ाने के लिए ट्रेड एंड फाइनेंस मिनिस्ट्री के अधिकारियों के एक पैनल ने सुझाव दिए थे.

गैर-जरूरी प्रोडक्ट्स के इंपोर्ट पर अंकुश

एक गवर्नमेंट आफिशियल के अनुसार हमारा उद्देश्य गैर-जरूरी प्रोडक्ट्स के इंपोर्ट पर अंकुश लगाना है. इंपोर्ट ड्यूटी में बढ़ोतरी से घरेलू मैन्‍यूफैक्‍चरर्स को कारोबार में बराबरी का अवसर मिलेगा. चीन के सस्‍ते आयात से उन्‍हें नुकसान होता है. इसके अलावा सरकार आयात पर ‘क्‍वालिटी स्‍टैंडर्ड’ के नियम लगाने के बारे में भी विचार कर रही है. देश में आयात होने वाले 10 फीसदी से भी कम पर सेफ्टी, हेल्‍थ और पर्यावरण संबंधी नियम लागू होते हैं.

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