Budget 2023-24: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बज़ट को गरीबों के सपनों का बज़ट बताया, वहीं विपक्ष ने इसे जनविरोधी बताया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश किया। भाजपा ने केंद्रीय बजट को एक सर्व-समावेशी और दूरदर्शी करार दिया और कहाकि यह आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को और गति देगा। वहीं, विपक्ष ने इसे जन-विरोधी बताते हुए कहा कि नौकरियां पैदा करने के लिए कोई विजन नहीं, महंगाई से निपटने की कोई योजना नहीं है।
बजट प्रस्तावों ने बीजेपी और विपक्ष के बीच अमृत काल बनाम मित्र काल की बहस भी छेड़ दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह बजट गरीबों और मध्यम वर्ग सहित एक आकांक्षी समाज के सपनों को पूरा करने वाला है।
Budget 2023-24: बजट प्रस्तावों ने बीजेपी और विपक्ष के बीच अमृत काल बनाम मित्र काल की बहस भी छेड़ दी। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहाकि यह बजट गरीबों और मध्यम वर्ग सहित एक आकांक्षी समाज के सपनों को पूरा करने वाला है। राहुल गांधी ने कहाकि यह केवल अमीरों के लिए तैयार किया गया है। मोदी ने केंद्रीय बजट को ऐतिहासिक बताते हुए कहाकि अमृत काल में पहले बजट ने विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए एक मजबूत आधार स्थापित किया है।
पीएम ने कहाकि मध्यम वर्ग को सशक्त करने के लिए सरकार ने पिछले वर्षों में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं, जिससे जीवन सुगमता सुनिश्चित हुई है। मोदी ने एक ट्वीट में कहा, इस साल का बजट भारत के विकास पथ में नई ऊर्जा का संचार करता है।
बता दें कि भाजपा ने देश की आजादी के 75वें वर्ष 2022 से 2047 के 100वें वर्ष के बीच की अवधि को अमृत काल के रूप में वर्णित करती है।
Budget 2023-24: बीजेपी सुप्रीमो जे पी नड्डा ने कहाकि आम बजट दलितों, आदिवासियों, किसानों, पिछड़े और उत्पीड़ित वर्गों को सशक्त और उत्थान करेगा। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, बजट आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के मोदी सरकार के संकल्प को और गति देगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि केंद्रीय बजट से देश में सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद है जो लोगों को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर ले जाएगा और अगले कुछ दिनों में ‘शीर्ष तीन’ अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगा।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि बजट में गरीबों के लिए कुछ नहीं है। मित्र काल बजट में नौकरियां पैदा करने या महंगाई से निपटने के लिए कोई विजन नहीं है। असमानता को दूर करने का कोई इरादा नहीं है। 1% सबसे अमीर 40% संपत्ति के मालिक हैं, 50% सबसे गरीब 64% GST का भुगतान करते हैं, 42% युवा बेरोजगार हैं – फिर भी, पीएम को परवाह नहीं है।
इसके साथ ही सपा, बसपा, टीएमसी, बीजेपी आदि पार्टियों ने इसे अवसरवादी और जनविरोधी बज़ट बताया है।