भारत चाँद के साउथ पोल पर पहुंचने वाला पहला देश
Chandrayaan-3 Moon: तेईस अगस्त 2023। धरती पर शाम हो रही थी, चांद पर सूरज उग रहा था। समय 6 बजकर 4 मिनट, भारत का चंद्रयान चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतर रहा था। इसके साथ ही चांद के सबसे मुश्किल इलाके में लैंड करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया।
भारतीय अंतरिक्ष संस्थान ISRO का मिशन कामयाब रहा। ISRO की ये तीसरी कोशिश थी। 2008 में चंद्रयान-1 ने चांद पर पानी खोजा। 2019 में चंद्रयान-2 चांद के करीब पहुंचा, लेकिन लैंड नहीं कर पाया। साल 2023 में चंद्रयान-3 चांद पर लैंड कर गया।
चंद्रयान-3 ने बुधवार शाम 5 बजकर 44 मिनट पर लैंडिंग प्रोसेस शुरू की। इसके बाद अगले 20 मिनट में चंद्रमा की अंतिम कक्षा से 25 किमी का सफर पूरा कर लिया। शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रयान-3 के लैंडर ने चांद पर पहला कदम रखा।
ISRO के डायरेक्टर एस. सोमनाथ ने कहा- अगले 14 दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। प्रज्ञान रोवर को बाहर आने में एक दिन का भी समय लग सकता है। प्रज्ञान हमें चांद के वातावरण के बारे में जानकारी देगा। हमारे कई मिशन कतार में हैं। जल्द ही सूर्य पर आदित्य एल-1 भेजा जाएगा। गगनयान पर भी काम जारी है।
चांद पर सकुशल पहुंचने का संदेश भी चंद्रयान-3 ने भेज दिया है- मैं अपनी मंजिल पर पहुंच गया हूं। इस कामयाबी पर साउथ अफ्रीका से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को बधाई देकर कहा- चंदा मामा बहुत दूर के कहा जाता था। अब बच्चे कहेंगे कि चंदा मामा बस एक टूर के।
इस कामयाबी के साथ भारत चांद के किसी भी हिस्से में मिशन लैंड कराने वाला चौथा देश बन गया है। इससे पहले अमेरिका, सोवियत संघ और चीन ही ऐसा कर सके हैं।
कामयाब लैंडिंग के बाद विक्रम लैंडर से प्रज्ञान रोवर बाहर आया है। इसके बाद विक्रम और प्रज्ञान ने एक-दूसरे की फोटो खींची। साथ ही चाँद के कई चित्र इसरो को भेजे हैं।
चंद्रयान मिशन को ऑपरेट कर रहे इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन यानी ISRO ने चंद्रयान को श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को लॉन्च किया था। 41वें दिन चांद के साउथ पोल पर लैंडिंग की प्लानिंग की गई।
चंद्रयान-3 के लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग में 20 मिनट लगे। इस ड्यूरेशन को ’20 मिनट्स ऑफ टेरर’ यानी ‘खौफ के 20 मिनट्स’ कहा जा रहा था। ये मिनट्स ऑफ टेरर शाम 5 बजकर 44 मिनट पर शुरू हुए। तब लैंडर से चंद्रमा 30 किमी दूर था। उसकी वर्टिकल लैंडिंग प्रोसेस शुरू हुई।
चंद्रयान मिशन की ऐतिहासिक सफलता को लेकर देश में खुशी का माहौल है। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मिशन को कामयाब बनाने के लिए वैज्ञानिकों को सराहा है।
ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होने साउथ अफ्रीका के जोहानिसबर्ग गए प्रधानमंत्री मोदी ने कहाकि यह भारत के जयघोष का पल है, जब हम आँखों के सामने इतिहास बनते हुए देखते हैं तो गर्व होता है।