EMI पर फिर मोहलत देने की तैयारी में RBI, आपके लिए फायदे या घाटे का सौदा?

देश में लॉकडाउन की अवधि 17 मई तक बढ़ा दी गई है. इस बीच, केंद्रीय रिजर्व बैंक लोन ईएमआई पर मिली मोहलत को बढ़ाने पर विचार कर रहा है.

  • वर्तमान में 3 महीने की मोहलत दे रहे हैं बैंक
  • कुल 6 महीने की छूट पर विचार कर रहा RBI

बीते 25 मार्च से देशभर में लॉकडाउन लागू है. इस लॉकडाउन की वजह से जनजीवन ठप पड़ा है. इस बीच, खबर है कि केंद्रीय रिजर्व बैंक एक बार फिर लोन EMI पर मिली छूट की अवधि बढ़ा सकता है.

जानकारी के मुताबिक आरबीआई की एक बैठक के दौरान इस मुद्दे पर गंभीरता से चर्चा हुई है. अगर आरबीआई फैसला लेता है तो टर्म लोन या क्रेडिट कार्ड की मासिक किस्त देने वाले ग्राहकों को कुल 6 महीने यानी 31 अगस्त तक की राहत मिलेगी. इसका मतलब ये हुआ कि आप कुल 6 महीने तक लोन या क्रेडिट कार्ड की मासिक किस्त (EMI) देने से बच सकते हैं.

अभी 3 महीने की है छूट

आपको बता दें कि आरबीआई के कहने पर देश के अधिकतर बैंक पहले से ही ग्राहकों को मासिक किस्त पर 3 महीने की छूट दे रहे हैं. यह छूट 1 मार्च से 31 मई यानी 3 महीने तक के लिए दी गई है. इन 3 महीनों में आप मासिक किस्त नहीं देते हैं तो बैंक आप पर दबाव नहीं बना सकता है. इसके साथ ही आप डिफॉल्टर भी नहीं कहे जाएंगे. मतलब ये कि आपके क्रेडिट स्कोर पर भी कोई असर नहीं पड़ने वाला है.

EMI को वापस लेने की सुविधा

इसके साथ ही बैंक ग्राहकों को कट चुकी ईएमआई को वापस लेने की भी सुविधा दे रहे हैं. हालांकि, इसके लिए ग्राहकों को एक फॉर्म भरना या कस्टमर केयर से संपर्क करना होगा. कस्टमर केयर के अलावा बैंकों की वेबसाइट, ऐप या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी इस संबंध में हर सवाल का जवाब दिया गया है.

बाद में देनी होगी ईएमआई

बैंकों की मोहलत का मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि आपकी ईएमआई माफ कर दी जाएगी. आपको 3 महीने के बाद ईएमआई देनी होगी. ऐसे में सवाल है कि आपने ईएमआई नहीं दी तो ये आपके लिए फायदे का सौदा है या फिर इससे आपको नुकसान हो रहा है. आइए, कैलकुलेशन समझते हैं…

SBI के उदाहरण से समझिए

हम इस कैलकुलेशन को समझने के लिए देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का उदाहरण लेते हैं. एसबीआई ने इसे होम और कार लोन का उदाहरण देते हुए विस्तार से समझाया है. एसबीआई ने कहा है- मान लीजिए कि रमेश ने 30 लाख रुपये का होम लोन लिया है और इसे लौटाने की अवधि 15 साल बची हुई है. ऐसे में अगर रमेश 3 महीने की मोहलत अवधि का विकल्प चुनता है तो उसे 2.34 लाख रुपये के करीब अतिरिक्त ब्याज देना होगा, ये 8 ईएमआई के बराबर है.

6 लाख का कार लोन है तो..

इसी तरह, मान लीजिए कि प्रवीण ने 6 लाख रुपये का कार लोन ले रखा है और उसे लौटाने के लिए 54 महीने का समय बचा है. प्रवीण अगर छूट अवधि का विकल्प चुनता है तो उसे 19,000 रुपये करीब अतिरिक्त ब्याज देना होगा, जो 1.5 अतिरिक्त ईएमआई के बराबर है.

वहीं, अगर रमेश और प्रवीण ईएमआई देना जारी रखना चाहते हैं तो उन्हें कुछ भी करने की जरूरत नहीं है. वह पहले की तरह अपनी किस्त दे सकते हैं और उन्हें किसी तरह का अतिरिक्त भुगतान नहीं करना होगा. यहां बता दें कि ये कैलकुलेशन सिर्फ 3 महीने की मोहलत के आधार पर है. अगर कुल 6 महीने की मोहलत मिलती है अतिरिक्त EMI भुगतान राशि बढ़ जाएगी. मतलब ये कि आपकी जेब पर पहले से कहीं ज्यादा बोझ पड़ेगा.

एक्सपर्ट क्या कहते हैं?

BankBazaar.com के सीईओ आदिल शेट्‌टी के मुताबिक कोरोना संकट में जिन लोगों की आय पर फर्क नहीं पड़ा है, उन्हें अपनी ईएमआई समय पर देनी चाहिए. वहीं जिन लोगों की कमाई प्रभावित हुई है वो अपने बैंक से संपर्क कर ईएमआई पर मोहलत का फायदा उठा सकते हैं. इसके साथ ही अपने बैंक के कस्टमर केयर में फोन कर ये जानकारी भी लीजिए कि मोहलत अवधि के बाद आपको अतिरिक्त कितनी रकम चुकानी होगी.

क्या कहती है फाइनेंसियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट….

लोन EMI पर और 3 माह का मिल सकता है मोरेटोरियम, RBI कर रहा है विचार

RBI को लोन EMI मोरेटोरियम को आगे बढ़ाने को लेकर इंडियन बैंक्स एसोसिएशन समेत विभिन्न तबकों से सुझाव मिले हैं.

कोविड19 लॉकडाउन के आगे बढ़ने के चलते लोन EMI पर मोरेटोरियम अवधि और तीन माह के लिए आगे बढ़ सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि लॉकडाउन की वजह से प्रभावित बैंक के कर्जधारक व्यक्तियों और इंडस्ट्री की मदद हो सके. सूत्रों के मुताबिक, RBI को लोन EMI मोरेटोरियम को आगे बढ़ाने को लेकर इंडियन बैंक्स एसोसिएशन समेत विभिन्न तबकों से सुझाव मिले हैं. केन्द्रीय बैंक इस पर सक्रियता से विचार कर रहा है.

शनिवार को केन्द्र सरकार ने लॉकडाउन की अवधि दो सप्ताह और बढ़ाकर 17 मई 2020 तक कर दी. हालांकि इस बार के लॉकडाउन में कुछ छूट भी दी गई हैं, जो रेड, ऑरेंज व ग्रीन जोन्स के आधार पर भिन्न-भिन्न हैं.

31 मई के बाद भी कई लोग नहीं चुका पाएंगे कर्ज

लॉकडाउन के जारी रहने से लोगों की आय का फ्लो फिर से सुचारू नहीं हो पाया है. एक पब्लिक सेक्टर बैंक के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, कई एंटिटीज और व्यक्ति ईएमआई मॉरेटोरियम की मौजूदा 31 मई तक की अवधि के खत्म होने के बाद मौजूदा परिस्थिति में अपना कर्ज चुकाने में सक्षम नहीं होंगे. इसलिए मॉरेटोरियम को और तीन माह तक बढ़ाया जाना केन्द्रीय बैंक का एक व्यावहारिक कदम होगा. यह कर्ज लेने वालों और बैंकों दोनों क लिए इस मुश्किल वक्त में मददगार रहेगा.

27 मार्च को घोषित किया था विकल्प

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 27 मार्च को बैंकों व वित्तीय संस्थानों को 1 मार्च 2020 तक बकाया सभी टर्म लोन्स के बॉरोअर्स को EMI के भुगतान पर 3 माह का मोरेटोरियम उपलब्ध कराने को कहा था. इस विकल्प में ग्राहक मार्च, अप्रैल और मई माह की अपनी EMI चाहें तो होल्ड कर सकते हैं. हालांकि EMI स्थगन के इन तीन महीनों की अवधि के दौरान ब्याज लगता रहेगा, जो बाद में एक्स्ट्रा EMI के तौर पर देना होगा. जो ग्राहक अपनी EMI होल्ड नहीं करना चाहते, उन्हें कुछ भी करने की जरूरत नहीं है. उनकी EMI वैसे ही कटती रहेगी, जैसे कट रही थी.

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