INDIA_CHINA WAR: नेवी चीफ एडमिरल हरि कुमार ने कहाकि हम चीन और पाकिस्तान की युद्ध नीति पर नज़र रख रहे हैं। हिंद महासागर में उनके 6 वॉरशिप हैं और हम हम ड्रोन और सबमरीन से नजर रख रहे हैं।
INDIA_CHINA WAR: चीन लगातार हिंद महासागर में अपनी मौजूदगी बढ़ाता जा रहा है। इसे देखते हुए भारत की नेवी चीनी जहाजों पर पैनी नजर बनाए हुए है। चाणक्य डायलॉग के दौरान नेवी चीफ एडमिरल हरि कुमार ने कहा- चीन की नौसेना के जहाज पाकिस्तान समेत कई देशों के पोर्ट के पास मौजूद हैं और भारतीय नौसेना की इस पर पूरी नजर है।
INDIA_CHINA WAR: नेवी चीफ ने बताया कि एक वक्त पर हिंद महासागर में चीन के करीब 3-6 युद्धपोत रहते हैं। इनमें से कुछ गल्फ ऑफ ओमान के पास हैं तो कुछ महासागर के पूर्वी तरफ रहते हैं।
इसके अलावा कुछ चीनी रिसर्च शिप्स और कुछ मछली पकड़ने वाले जहाज भी वहां मौजूद हैं। चीफ एडमिरल कुमार ने कहा- हम अपनी योजनाओं को रिफाइन करते रहते हैं। इससे हमारी क्षमता के विकास में भी मदद मिलती है।
नेवी चीफ ने कहा- ऐसे तो संघर्ष का खतरा बहुत कम है, लेकिन फिर भी हम युद्ध की आशंका से इनकार नहीं कर सकते। पाकिस्तानी नौसेना बहुत तेजी से डेवलप हो रही है और वह अपने बेड़े में लगातार नए युद्धपोत जोड़ रही है। वहीं चीन ने पिछले 10 सालों में कई जहाजों और पनडुब्बियों को शामिल किया है। इसके अलावा चीन तीसरे एयरक्राफ्ट कैरियर पर भी काम कर रहा है।
साथ ही चीन कई बड़े विध्वंसक पोत बना रहा है, लेकिन इनके नेवी में शामिल होने में अभी कुछ समय लगेगा।
INDIA_CHINA WAR: नौसेना प्रमुख ने कहा- हम हिंद महासागर क्षेत्र में पूरी नजर बनाए हुए हैं। हमारी कोशिश यह जानने की है कि वहां किसकी मौजूदगी है और वे क्या कर रहे हैं। इसकी निरंतर निगरानी की जा रही है और हम विमान, ड्रोन, जहाज, पनडुब्बी तैनात कर रहे हैं। चीन के रिसर्च शिप्स के बारे में बताते हुए एडमिरल कुमार ने कहा- ये जहाज इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल ट्रैक करके इन्हें इकट्ठा कर सकते हैं। इसलिए जब ये भारत के इलाके के पास होते हैं तो हम इन्हें ट्रैक करते हैं।
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने दिल्ली में ‘द चाणक्य कॉन्क्लेव’ में ‘भारतीय वायुसेना- भविष्य अब है’ विषय पर बातचीत में कहा कि हमें इस पर काम करना है कि हमारे पास जमीनी आक्रमण प्लेटफॉर्म के अलावा अंतरिक्ष आधारित युद्ध प्रणाली भी हो।
INDIA_CHINA WAR: बता दें कि करीब 1 महीने पहले चीन ने अरुणाचल प्रदेश की 11 जगहों के नाम बदले थे। यह सभी इलाके जेंगनेन (चीन के दक्षिण राज्य शिंजियांग का हिस्सा) में आते हैं। इनमें से 4 रिहायशी इलाके थे। इनमें से एक इलाका अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर के बेहद करीब है। इसके अलावा 5 पहाड़ी क्षेत्र और दो नदियों के नाम बदले गए थे। चीन ने इन इलाकों के नाम मन्दारिन और तिब्बती भाषा में रखे थे। इससे पहले भी 2021 में चीन 15 जगह और 2017 में 6 जगहों के नाम बदल चुका है।