Modi Surname Rahul: राहुल गांधी को सुप्रीम राहत, ‘मोदी सरनेम’ केस में SC ने लगाई सज़ा पर रोक, लोगों ने कहा- न्याय ज़िंदा है।
Modi Surname Rahul: ‘मोदी सरनेम’ मामले में हाइकोर्ट से सज़ा पाए राहुल गांधी को उच्चतम न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। SC ने सज़ा पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट के इस न्याय को कांग्रेसियों, राजनीतिक दलों और आम लोगों ने स्वागत किया है। वहीं याचिकाकर्ता पूर्णेश मोदी का कहना है कि वो लड़ाई जारी रखेंगे।
‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बड़ी राहत मिली। शीर्ष अदालत ने सुप्रीम कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश जारी कर उनकी सजा पर रोक लगा दी। इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं समेत आम पब्लिक में खुशी का माहौल है।
Modi Surname Rahul: शिव सेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा, सुप्रीम कोर्ट का राहुल की दोषसिद्धि पर रोक लगाने पर कहाकि राहुल को उनकी भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से बनाए गए माहौल के लिए दंडित किया गया था, न कि मोदी उपनाम पर उनकी टिप्पणी के लिए।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से मुलाकात की और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के लिए आगे की राह समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। राहुल गांधी लालू से मिलने उनकी बेटी और राजद सांसद मीसा भारती के घर पहुंचे।
केरल के वायनाड लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को जश्न मनाया और मिठाइयां बांटी। उन्होंने उम्मीद जताई कि लोकसभा सचिवालय जल्द ही राहुल गांधी को उनके सांसद के रूप में बहाल करेगा।
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने ट्वीट किया, सुप्रीम कोर्ट का आज का आदेश उस तर्क की पुष्टि है जिसे हमने ट्रायल कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक हर अदालत के सामने लगातार रखा है। लोकसभा अध्यक्ष को अब राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता तुरंत बहाल करनी चाहिए। पिछले 162 वर्षों में ऐसा कोई मामला नहीं ढूंढ़ पाए हैं जहां अदालत ने मानहानि के लिए अधिकतम दो साल की सजा दी हो। इससे तय है कि राहुल गांधी को संसद से दूर करने के एकमात्र इरादे से यह मामला बनाया गया।
जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, लोकसभा में अपना प्रतिनिधित्व बहाल होने पर वायनाड के लोगों को बधाई।
पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष, महबूबा मुफ्ती ने कहा, खुशी है कि राहुल ‘इंडिया के विचार’ के लिए लड़ते हुए संसद में वापस आएंगे। मैं ऐसे मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करती हूं, जिसके पास खड़े होने के लिए कोई आधार नहीं था।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, मैं राहुल गांधी की दोषसिद्धी पर रोक वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले और उनकी संसद सदस्यता बहाल होने का रास्ता साफ होने से खुश हूं। यह विपक्षी गठबंधन के मातृभूमि के लिए एकजुट होकर लड़ने और जीतने के संकल्पों को मजबूती देगा। यह न्यायपालिका की जीत है।
तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने ट्वीट किया, नैतिक ब्रह्मांड का चाप लंबा है लेकिन यह न्याय की ओर झुकता है।
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, यह नफरत पर प्यार की जीत है। सत्यमेव जयते – जय हिंद। लोकतंत्र के गलियारे में फिर सुनाई देगी सत्य की दहाड़!
कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी फैसले की सराहना की। उन्होंने ट्वीट किया, हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। न्याय की जीत हुई है। कोई भी ताकत लोगों की आवाज को चुप नहीं करा सकती।
Modi Surname Rahul: कांग्रेस महासचिव व संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा, फैसला सत्य और न्याय की मजबूत पुष्टि है। उन्होंने ट्वीट किया, भाजपा की मशीनरी के अथक प्रयासों के बावजूद, राहुल गांधी ने झुकने, टूटने से इन्कार कर दिया। इसके बजाय उन्होंने न्यायिक प्रक्रिया में अपना विश्वास रखने का विकल्प चुना है। यह फैसला भाजपा और उसके समर्थकों के लिए एक सबक है। आप अपना सबसे बुरा काम कर सकते हैं लेकिन हम पीछे नहीं हटेंगे। हम एक सरकार और एक पार्टी के रूप में आपकी विफलताओं को उजागर करना जारी रखेंगे। हम अपने सांविधानिक आदर्शों को कायम रखेंगे और अपनी संस्थाओं में विश्वास बनाए रखेंगे, जिन्हें आप इतनी बेताबी से नष्ट करना चाहते हैं। सत्यमेव जयते!
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और गौतम बुद्ध के एक उद्धरण का हवाला दिया ‘तीन चीजें लंबे समय तक छिपी नहीं रह सकतीं- सूर्य, चंद्रमा और सत्य। उन्होंने फैसले के लिए शीर्ष अदालत को धन्यवाद दिया और लिखा ‘सत्यमेव जयते’।
राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि मामला दायर करने वाले गुजरात के पूर्व मंत्री पुर्णेश मोदी ने कहा, हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं लेकिन हम अदालत में अपनी कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे।
संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात कर सदस्यता बहाल करने के मामले में तत्काल फैसला लेने का आग्रह किया है। स्पीकर कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि बिरला ने अधीर को इस मामले में नियमानुसार फैसला लेने का आश्वासन दिया है।
Modi Surname Rahul: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की सराहना करते हुए कहा, सच्चाई की ही जीत होती है। हम राहुल गांधी को राहत देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। न्याय दिया गया है, लोकतंत्र की जीत हुई है। संविधान को बरकरार रखा गया है। गांधी के खिलाफ भाजपा की साजिश पूरी तरह उजागर हो गई है। खरगे ने कहा, उनके (भाजपा) लिए विपक्षी नेताओं को दुर्भावनापूर्ण निशाना बनाना बंद करने का समय आ गया है। अब समय आ गया है कि वे लोगों के दिए जनादेश का सम्मान करें और देश पर शासन करना शुरू करें, जिसमें वे पिछले 10 वर्षों में बुरी तरह विफल रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा ‘मोदी’ उपनाम टिप्पणी मानहानि मामले में सजा पर रोक लगाए जाने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पहली बार मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आप सबका यहां बहुत बहुत स्वागत है। उन्होंने कहा, “आज नहीं तो कल, कल नहीं तो परसो सच्चाई की जीत होती है लेकिन चाहे जो हो मेरा रास्ता साफ है। मुझे क्या करना है, मेरा क्या काम है उसे लेकर मेरे दिमाग में स्पष्टता है। जिन लोगों ने हमारी मदद की और जनता ने जो प्यार और साथ दिया उसके लिए उनका बहुत-बहुत धन्यवाद।”
Modi Surname Rahul: इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राहत देते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट के आदेश के प्रभाव व्यापक हैं। इससे न केवल राहुल गांधी का सार्वजनिक जीवन में बने रहने का अधिकार प्रभावित हुआ, बल्कि उन्हें चुनने वाले मतदाताओं का अधिकार भी प्रभावित हुआ। मोदी’ उपनाम टिप्पणी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि निचली अदालत के न्यायाधीश द्वारा अधिकतम सजा देने का कोई कारण नहीं बताया गया है, अंतिम फैसला आने तक दोषसिद्धि के आदेश पर रोक लगाने की जरूरत है।
इतना ही नहीं सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले पर आम जनता ने भी खुशी जताई है। सोशल मीडिया पर भी राहुल गाँधी पर आए सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को भरपूर सराहा जा रहा है।
Modi Surname Rahul: यूपी सरकार में कई वरिष्ठ पदों पर अपनी छाप छोड़ने वाले रिटायर्ड राजपत्रित अधिकारी श्रीकृष्ण पाण्डेय सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को लोकतंत्र की जीत बताते हैं। साथ ही ये भी कहते हैं कि ये उतार-चढ़ाव के बीच देश की न्यायपालिका अभी ज़िंदा है। लंबी साँस लेते उन्होंने कहाकि मैंने देश को आज़ाद होते देखा है। लोगों की पीड़ा देखी है। भूखे तड़पते-बिलखते लोगों की सच्चाई और उनका देशप्रेम देखा है। बेइमानों और भ्रष्टाचारियों को देखा है। मगर बीते एक दशक से देश जिस राह पर चल रहा है वैसा दौर कभी नहीं देखा है। देश की संस्थाओं पर ग्रहण लगता जा रहा है। राजनीति और सत्ता के खेल ने देश की बुनियाद हिला दी है। जाति-धर्म-समुदाय के नाम पर लोगों के टुकड़े-टुकड़े किए जा रहे हैं। मानवता को तार-तार किया जा रहा है।
Modi Surname Rahul: श्री पाण्डेय यहीं नहीं रुकते हैं। वो पीएम नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला करते हुए कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला पीएम मोदी की एक बहुत बड़ी हार है। और राहुल गाँधी की एक बड़ी जीत है।
इसी के साथ ही उन्होंने अपने हक़ के लिए जनता को जागरूक रहने और समाज को जागरूक करने की भी बात दोहराई।
दरअसल, 2019 में मोदी उपनाम को लेकर की गई टिप्पणी के मामले में 23 मार्च को सूरत की सीजेएम कोर्ट ने राहुल को दो साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, कोर्ट ने फैसले पर अमल के लिए 30 दिन की मोहलत भी दी थी। 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार की एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था, ‘कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?’ इसी को लेकर भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। राहुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
23 मार्च को निचली अदालत ने राहुल को दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। इसके अगले ही दिन राहुल की लोकसभा सदस्यता चली गई थी। राहुल की अपना सरकारी घर भी खाली करना पड़ा था। निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ दो अप्रैल को राहुल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जस्टिस प्रच्छक ने मई में राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था। पिछले दिनों हाईकोर्ट ने भी इस मामले में फैसला सुनाया और राहुल की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने राहुल की निंदा भी की।
न्यायमूर्ति हेमंत प्रच्छक ने कहा कि राहुल के खिलाफ कम से कम 10 आपराधिक मामले लंबित हैं। मौजूदा केस के बाद भी उनके खिलाफ कुछ और केस भी दर्ज हुए। ऐसा ही एक मामला वीर सावरकर के पोते ने दायर किया है। न्यायमूर्ति ने आगे कहा कि दोषसिद्धि से कोई अन्याय नहीं होगा। दोषसिद्धि न्यायसंगत एवं उचित है। पहले दिए गए आदेश में हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता नहीं है। इसलिए आवेदन खारिज किया जाता है।