Morbi Bridge Hadsa: 134 मौतों का गवाह बने मोरबी ब्रिज हादसे को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। बल्ब बनाने वाली कंपनी को रेनोवेशन का ठेका मिला था।
बता दें कि गुजरात के मोरबी के इस ऐतिहासिक पुल की मरम्मत की जिम्मेदारी नगर पालिका ने घड़ी और बल्ब बनाने वाली अजंता ओरेवा ग्रुप ऑफ कंपनीज को दे दी थी। इतना ही नहीं काम पूरा होने के बाद कंपनी ने खुद ही इसे आम लोगों के लिए खोल दिया। वेरिफिकेशन और फिटनेस सर्टिफिकेट तक नहीं लिया गया। इस मामले में पुलिस ने 9 आरोपियों को अरेस्ट कर लिया। इधर, हादसे में मृतकों की संख्या कंफर्म संख्या 134 बताई जा रही है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मोरबी पहुंचेगे और मृतकों के परिजनों से मिलेंगे।
Morbi Bridge Hadsa: गुजरात के मोरबी पुल हादसे में सरकारी आंकड़ों में मृतकों की संख्या 134 बताई गई है। जिनमें 45 लोगों की उम्र 18 साल से कम है। मृतकों में महिलाओं और बुजुर्गों की संख्या ज्यादा है। इतना ही नहीं इस हादसे के शिकार 170 लोग रेस्क्यू किए गए। हादसा रविवार 30 अक्टूबर को शाम 6.30 बजे तब हुआ, जब 765 फीट लंबा और महज 4.5 फीट चौड़ा केबल सस्पेंशन ब्रिज टूट गया। 143 साल पुराना पुल ब्रिटिश शासन काल में बनाया गया था।
Morbi Bridge Hadsa: गौर करें तो यह पुल पिछले 6 महीने से बंद था। कुछ दिन पहले ही इसकी मरम्मत की गई थी। हादसे से 5 दिन पहले 25 अक्टूबर को यह ब्रिज आम लोगों के लिए खोला गया। रविवार को यहां भीड़ क्षमता से ज्यादा हो गई। हादसे की भी यही वजह बताई जा रही है। हादसे का 30 सेकेंड का वीडियो भी सामने आया है। इसमें 15 सेकेंड के बाद पुल टूट गया और लोग मच्छू नदी में समा गए।
Morbi Bridge Hadsa: पुलिस ने मामले में ओरेवा कंपनी के मैनेजर, दो टिकट क्लर्क, रिपेयरिंग करने वाले कॉन्ट्रैक्टर समेत 9 लोगों को गिरफ्तार किया। 50 लोगों की टीम मामले की जांच में जुटी है। मामले में धारा 304, 308 और 114 के तहत केस दर्ज किया गया है। 26 अक्टूबर को बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के खोला गया था सस्पेंशन पुल।
फोरेंसिक सूत्र के अनुसार, ब्रिज का पुराना केबल भारी दबाव के कारण टूटा। PM मोदी मंगलवार दोपहर बाद मोरबी जाएंगे। मोरबी हादसे में मारे गए लोगों का पोस्टमॉर्टम नहीं किया जाएगा। ये फैसला गुजरात सरकार ने लिया है। राजकोट के भाजपा सांसद मोहनभाई कुंडारिया के परिवार के 12 लोग हादसे में मारे गए।
Morbi Bridge Hadsa: मोरबी का यह सस्पेंशन ब्रिज 143 साल पुराना है और इसकी लंबाई करीब 765 फीट है। यह सस्पेंशन ब्रिज गुजरात के मोरबी ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक धरोहर है
Morbi Bridge Hadsa: ब्रिज का निर्माण मोरबी के राजा प्रजावत्स्ल सर वाघजी ठाकोर की रियासत के दौरान हुआ था। उस समय राजा राजमहल से राज दरबार तक जाने के लिए इसी पुल का इस्तेमाल करते थे। राजशाही खत्म होने के बाद इस पुल की जिम्मेदारी मोरबी नगर पालिका को सौंप दी गई थी। लकड़ी और तारों से बना यह पुल 233 मीटर लंबा और 4.6 फीट चौड़ा है।