लखनऊ – महामारी के इस दौर में पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की जो बात कही थी उसको साकार करने के लिए सरकार द्वारा दिये गए बीस लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज से बड़ा हिस्सा MSME से रोजगार को बढ़ावा देने के लिए दिया जा रहा है अगर आप भी अपने शहर में रहकर रोजगार शुरू करके आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं तो सरकार MSME के माध्यम से लोन देकर मदद करने का अवसर दे रही है, आइये पढ़ें क्या है इसकी पूरी प्रक्रिया……
एमएसएमई से जुड़े ‘एक जनपद एक उत्पाद’ (ODOP) कार्यक्रम के तहत सरकार ने दो योजनाओं मार्जिन मनी योजना और प्रशिक्षण एवं टूल किट योजना को ऑनलाइन किया है। इसके अलावा दो अन्य योजनाएं विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना और मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना को भी ऑनलाइन किया गया है।
प्रक्रिया है बेहद सरल
MSME में ऋण आवेदन कि प्रक्रिया बेहद सरल है, आवेदन करने के बाद व्यक्ति को सारी जानकारी पोर्टल और फ़ोन पर मिलती रहेगी।बेरोजगार युवाओं को खुद का रोजगार शुरू करने के लिए प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना को बढ़ावा दिया है। इस योजना में उद्योग की स्थापना के लिए सरकार बैंक से कर्ज मुहैया कराती है। उद्योग स्थापना के लिए जहाँ 25 लाख रुपए तक कर्ज मिलता है, वहीं सेवा क्षेत्र के लिए 10 लाख रुपए तक का कर्ज। इसके अलावा सरकार 25 प्रतिशत मार्जिन मनी भी देती है जिसमें उद्योग के लिए अधिकतम 6.25 लाख रुपए और सेवा क्षेत्र के लिए अधिकतम 2.50 लाख रुपए है। इस योजना में जिला स्तरीय एक समिति योजना में आवेदन करने वाले को व्यक्ति को बैंक से कर्ज स्वीकृत कराती है।
ये है ODOP मार्जिन मनी योजना
अपने जिले के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए ‘एक जनपद एक उत्पाद मार्जिन मनी योजना’ में सरकार आवेदन करने वाले को उद्योग स्थापित करने के लिए आर्थिक सहायता देती है। इसमें उद्योग स्थापना के लिए 25 लाख रुपए तक की परियोजना लागत पर सरकार लागत का 25 प्रतिशत या अधिकतम 6.25 लाख रुपए, जो भी कम हो, देती है। इसी तरह 50 लाख रुपए तक की परियोजना लागत का 20 प्रतिशत या अधिकतम 6.25 लाख रुपए, जो अधिक हो, आर्थिक सहायता देती है। जबकि 150 लाख रुपए तक की परियोजना लागत का 10 प्रतिशत या अधिकतम 10 लाख रुपये, जो अधिक हो, आर्थिक मदद देती है और 150 लाख रुपए से अधिक की परियोजना लागत का 10 प्रतिशत या अधिकतम 20 लाख रुपए, जो अधिक हो, तक की आर्थिक सहायता योजना में आवेदन करने वाले व्यक्ति को दी जाती है, इस योजना में भी जिला स्तरीय एक समिति योजना में आवेदन करने वाले व्यक्ति को बैंक से कर्ज स्वीकृत कराती है।
ODOP प्रशिक्षण एवं टूलकिट योजना
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के तहत एक जनपद एक उत्पाद कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए यह योजना मुख्य रूप से कारीगरों के लिए हैं। उद्योगों में कुशल कार्यबल को पूरा करने के लिए कारीगरों और श्रमिकों को उन्नत टूल किट और प्रशिक्षण मुहैय्या कराकर रोजगार उपलब्ध कराया जाता है। इस योजना में आवेदन करने वाले व्यक्ति को प्रशिक्षण के दौरान 200 रुपए प्रतिदिन मानदेय का भी दिया जाता है।
विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना
प्रदेश सरकार की ये योजना भी मुख्य रूप से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के कारीगरों और श्रमिकों के लिए है। इस योजना में ऐसे लोगों को टोकरी बुनकर, लोहार, कुम्हार, राजमिस्त्री, दर्जी, बढ़ई, नाई, हलवाई, मोची और सुनार जैसे प्रचलित क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाता है। इसमें आवेदन करने वाले को छह दिनों का प्रशिक्षण मिलता है जिसका खर्च सरकार उठाती है। सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (MSME) से जुड़ीं इन सभी योजनाओं में आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी है। आवेदन करने के लिए www.diupmsme.upsdc.gov.in पोर्टल पर ऑनलाइन जाना होगा जहाँ से हिंदी भाषा में आसानी से आवेदन किया जा सकता है। आवेदन के लिए व्यक्ति की कुछ मूलभूत जानकारियां मांगी जा रही हैं जिसके बाद सबमिट करने पर आवेदन सीधा जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्र में ऑनलाइन चला जाता है।
ऑफलाइन आवेदन की यह है प्रक्रिया
ऑनलाइन आवेदन न कर पाने वाले व्यक्तियों के लिए सरकार ने अपने जिले में जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्र से भी आवेदन करने की सुविधा दी है। आवेदन करने के बाद रोजगार से जुड़ी सभी जानकारी उस व्यक्ति को फ़ोन और पोर्टल के माध्यम से मिल सकेगी।
केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से 13 मई को एमएसएमई के लिए तीन लाख करोड़ रुपए तक का लोन देने की घोषणा की गयी। इस घोषणा के तुरंत बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 14 मई से एमएसएमई से ऑनलाइन ऋण मेला शुरू करने की घोषणा की।
मेले के जरिये मुख्यमंत्री ने 56,754 लाभार्थियों को एक बार में 2002 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए। इस मौके पर योगी आदित्यनाथ ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री के प्रति आभार व्यक्त करता हूं कि राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के साथ समन्वय के लिए पैकेज और एमएसएमई विभाग की घोषणा की और 56,754 लाभार्थियों को एक बार में 2002 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए।”
इससे पहले सरकार दूसरे राज्यों से लौट रहे मजदूरों और बेरोजगारों के लिए MSME के जरिये 90 लाख लोगों को रोजगार मुहैय्या कराने की घोषणा कर चुकी है।
बेहद सम्पन्न है यूपी में इतिहास
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था, “उत्तर प्रदेश में एमएसएमई का इतिहास बेहद संपन्न रहा है और हर जिले के खास उत्पाद इसके सबूत भी हैं। अब इन्हीं एमएसएमई उद्योगों और एक जिला एक उत्पाद योजना के जरिए सरकार रोजगार के लगभग 90 लाख अतिरिक्त अवसर मुहैया कराएगी।”
उन्होंने कहा, “भारत को आत्मनिर्भर, स्वावलंबी व सशक्त बनाकर, कोरोना संकट से न केवल उबारने में बल्कि दुनिया में एक आर्थिक शक्ति बनाने में एमएसएमई सेक्टर, एक नई ताकत के रूप में उभरेगा और निश्चित ही भारत एक ग्लोबल इकोनॉमी बनेगा।”