Mukhtar Ansari: बाहुबली मुख्तार अंसारी को उम्रकैद, अवधेश राय हत्याकांड में कोर्ट का फैसला

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Mukhtar Ansari, Awdhesh Rai muder

Mukhtar Ansari: यूपी के वाराणसी के अवधेश राय हत्याकांड में बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी को MP/MLA कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट का यह फैसला करीब 32 साल बाद आया।

Mukhtar Ansari: अवधेश राय कांग्रेस के पूर्व विधायक अजय राय के भाई थे। मुख्तार अभी बांदा जेल में बंद है। सुनवाई के दौरान उसको वर्चुअली पेश किया गया। वादी पक्ष के वकील ने बताया कि कोर्ट ने मुख्तार को धारा-302 के तहत दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है।

Mukhtar Ansari: MP/MLA कोर्ट के फैसले के बाद मुख्तार के वकील अखिलेश उपाध्याय ने कहा, “इस फैसले में कई कमियां हैं। इसके खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे।” वहीं, अभियोजन के वकील अनुज यादव ने कहा, “फांसी की सजा की उम्मीद थी, लेकिन हम फैसले से संतुष्ट हैं। अगर मुख्तार पक्ष हाईकोर्ट जाएगा, तो हम वहां भी इसी दम-खम के साथ केस लड़ेंगे।”

कोर्ट के फैसले के बाद पूर्व विधायक अजय राय के घर में अवधेश राय को श्रद्धांजलि देने के लिए आसपास के लोग पहुंचे।

Mukhtar Ansari: बता दें कि वाराणसी के लहुराबीर इलाके में अवधेश राय का घर था। 3 अगस्त, 1991 को दोपहर अवधेश अपने भाई अजय राय के साथ घर के बाहर खड़े थे। उसी वक्त अचानक मारुति वैन से 5 हमलावर पहुंचे। उन्होंने ऑटोमैटिक वेपंस से अवधेश राय पर फायरिंग की। वारदात के बाद अजय राय ने हमलावरों को पकड़ने की कोशिश की, तो वे अपनी वैन छोड़कर मौके से भाग गए। खून से लथपथ भाई को अजय राय, उसी वैन से नजदीकी कबीर चौरा अस्पताल ले गए, जिस वैन से हमलावर आए थे। वहां डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया।

Mukhtar Ansari: पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया था कि अवधेश राय को 4 गोली लगी थी। इस हत्याकांड की वजह वर्चस्व की जंग बताई गई थी। दरअसल, वाराणसी में उस वक्त बृजेश सिंह और मुख्तार अंसारी में अदावत चलती थी। अवधेश राय का परिवार बृजेश सिंह का करीबी था। इसी के चलते हत्याकांड को अंजाम दिया गया था। अजय राय ने इस मामले में चेतगंज थाने में मुख्तार को मुख्य हमलावर बताते हुए भीम सिंह, कमलेश सिंह, राकेश के साथ पूर्व MLA अब्दुल कलाम के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी।

वहीं, फैसले के बाद अजय राय ने कहा, मेरे विधायक होने से काफी मजबूती मिली। मैं इतने बड़े माफिया के खिलाफ 32 साल से डटा रहा। मुख्तार को चुनौती देना ही मेरे राजनीतिक जीवन का मकसद था।” अजय राय हत्याकांड के चश्मदीद गवाह थे। कोर्ट के फैसले के बाद अजय राय ने कहा- 32 साल के इंतजार और इंसाफ की जीत हुई है।

Mukhtar Ansari: अवधेश राय हत्याकांड का अभियुक्त मुख्तार अंसारी इस समय बांदा जेल में बंद है। जबकि दूसरे आरोपी भीम सिंह को गैंगस्टर के एक मामले में 10 साल की सजा हुई है। वह गाजीपुर जेल में बंद है। दो अन्य आरोपी कमलेश सिंह और पूर्व विधायक अब्दुल कलाम की मौत हो चुकी है। पांचवें आरोपी राकेश ने इस मामले में अपनी फाइल मुख्तार से अलग करवा ली थी। उसका केस प्रयागराज सेशन कोर्ट में चल रहा है।

मुख्तार ने जब वारदात को अंजाम दिया था, उस दौरान वह विधायक नहीं था। जब केस में फैसला आया, तब भी वह विधायक नहीं है। लगभग 9 महीनों में मुख्तार को 5 मामलों में सजा हो चुकी है। मऊ में दंगे के बाद मुख्तार ने 25 अक्टूबर, 2005 को गाजीपुर कोर्ट में सरेंडर किया था। इसके बाद से यानी करीब 18 साल से वह जेल में बंद है।

बीते 9 महीनों में मुख्तार अंसारी को 5 बार सजा सुनाई जा चुकी है। 22 सितंबर, 2022 को मुख्तार को हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने 7 साल और अगले ही दिन गैंगस्टर मामले में 5 साल की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद, 15 दिसंबर 2022 को मुख्तार को एडिशनल एसपी पर हमले समेत कुल 5 मामलों में 10 साल की सजा सुनाई गई थी।

इसके बाद, गाजीपुर की MP/MLA कोर्ट ने 29 अप्रैल, 2023 को मुख्तार को दो गैंगस्टर केस में सजा सुनाई। पहला केस 1996 में दर्ज हुआ था। इसमें मुख्तार और उसके सह आरोपी भीम सिंह को 10-10 साल की सजा सुनाई थी। वहीं, गैंगस्टर का दूसरा केस 2007 का था। इसमें मुख्तार को 10 साल और उसके भाई अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा सुनाई थी। सोमवार को मुख्तार को 5वीं बार सजा सुनाई गई है।

गौर करें तो अवधेश राय हत्याकांड के चश्मदीद पूर्व विधायक अजय राय घटना के वक्त 22 साल के थे। बाद में 1996 में अजय राय पहली बार भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज करके विधायक बने। वह 5 बार विधायक रहे हैं।

मुख्तार अंसारी के खिलाफ गाजीपुर, वाराणसी, मऊ और आजमगढ़ के अलग-अलग थानों में 61 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें से 8 मुकदमे ऐसे हैं, जो कि जेल में रहने के दौरान दर्ज हुए थे। ज्यादातर मामले हत्या से संबंधित हैं। सबसे ज्यादा मुकदमे उसके गृह जिले गाजीपुर में दर्ज हैं। बता दें कि मऊ में दंगे के बाद मुख्तार अंसारी ने 25 अक्टूबर, 2005 को गाजीपुर कोर्ट में सरेंडर किया था। इसके बाद से वह जेल में बंद है।

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