No Pakistan: एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के चेयरमैन और BCCI के सचिव जय शाह ने एशिया कप को लेकर कहाकि भारतीय टीम इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान का दौरा नहीं करेगी। इसलिए टूर्नामेंट को पाकिस्तान से बाहर किसी अन्य देश में शिफ्ट कर दिया जाएगा।
No Pakistan: बता दें कि एशिया कप की मेजबानी पाकिस्तान को मिली थी। उसे उम्मीद थी कि इस टूर्नामेंट के जरिए वह दुनिया की सबसे लोकप्रिय टीम टीम इंडिया को अपने घर में 15 साल बाद होस्ट कर सकेगा। इससे पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड मालामाल बनता और उसके देश के ऊपर से डेंजरस होने का टैग पूरी तरह से हट जाता। लेकिन, टीम न भेजने के भारत के फैसले ने उसके अरमानों पर पानी फेर दिया।
No Pakistan: इसके बाद पाकिस्तान अपनी आदत के मुताबिक धमकी पर उतर आया है। उसकी ओर से आवाज आने लगी है कि अगर भारत एशिया कप के लिए टीम नहीं भेजता है तो हम अगले वनडे वर्ल्ड कप के लिए अपनी टीम भारत नहीं भेजेंगे। एशिया कप जुलाई-अगस्त में होना है और वर्ल्ड कप अक्टूबर-नवंबर में।
No Pakistan: न्यूज एजेंसी PTI की खबर के अनुसार पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड वर्ल्ड कप के बायकॉट की धमकी देने के साथ-साथ ICC और ACC का रोना भी रो रहा है। उसका कहना है कि इससे ICC और ACC को घाटा होगा। PCB के एक प्रवक्ता ने कहाकि अगले महीने मेलबर्न में होने वाली ICC बोर्ड की बैठक में इस मुद्दे को उठाएंगे। PTI की खबर में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के प्रेसिडेंट रमीज राजा, जय शाह के इस फैसले से काफी नाखुश हैं।
No Pakistan: कोरोना पैंडेमिक से पहले टीम इंडिया को श्रीलंका का दौरा करना था। श्रीलंका बोर्ड को इस सीरीज के लिए स्पॉन्सर मिल गए थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण ये सीरीज नहीं हो पाया। BCCI ने श्रीलंका बोर्ड से वादा किया कि बाद में टीम इंडिया जरूर श्रीलंका दौरे पर जाएगी और उसके घाटे की भरपाई करा देगी। टीम वाकई बाद में श्रीलंका गई और वहां सीरीज खेलकर आई। इसके बाद श्रीलंका बोर्ड ने BCCI को अपना बड़ा भाई बताया था।
No Pakistan: बता दें कि सिर्फ श्रीलंकाई क्रिकेट बोर्ड नहीं है, जिसे आर्थिक रूप से अपने अस्तित्व को बनाए रखने के लिए BCCI के सपोर्ट की जरूरत होती है। ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, साउथ अफ्रीका, वेस्टइंडीज, बांग्लादेश, जिम्बाब्वे सहित तमाम क्रिकेट प्लेइंग कंट्रीज क्रिकेट के जरिए अच्छी-खासी कमाई के लिए भारत और BCCI पर डिपेंड रहते हैं। भारतीय टीम के एक दौरे से वे उतनी कमाई कर लेते हैं जितनी वे आम दौरों के जरिए दो से तीन साल में कमाते हैं।
इसलिए अगर PCB इस मसले को ICC की राजनीति में ले जाता है तो उसे शायद ही किसी दूसरे बोर्ड का सपोर्ट मिलेगा। ICC टूर्नामेंट के बहिष्कार की वजह से उस पर बैन लगने का खतरा भी मंडराने लगेगा।