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G20 डिनर कार्ड पर President Of Bharat लिखा
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AAP ने कहा- हम I.N.D.I.A को भारत करने पर विचार करेंगे
President Of Bharat: दिल्ली के प्रगति मैदान में 9-10 सितंबर के बीच G20 बैठक होने जा रही है। इस बैठक के डिनर में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति भवन से एक इन्विटेशन कार्ड भेजा गया है। इन्विटेशन कार्ड पर President Of India की जगह President Of Bharat लिखा गया है।
इस पर रिएक्शन देते हुए आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने एक्स (जो पहले ट्विटर था) पर लिखा कि हम अगली बैठक में अपने गठबंधन का नाम I.N.D.I.A से बदलकर ‘भारत’ करने पर विचार कर सकते हैं। बीजेपी को अब देश के लिए कोई नया नाम सोचना शुरू कर देना चाहिए।
इससे पहले राघव चड्ढा ने एक पोस्ट में लिखा था- G20 सम्मेलन के इन्विटेशन कार्ड पर प्रेसीडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसीडेंट ऑफ भारत लिखकर बीजेपी ने एक नई बहस छेड़ दी है। भाजपा INDIA को कैसे खत्म कर सकती है। देश किसी राजनीतिक दल का नहीं है; यह 135 करोड़ भारतीयों का है। हमारी राष्ट्रीय पहचान भाजपा की निजी संपत्ति नहीं है जिसे वह अपनी इच्छानुसार बदल सके।
कांग्रेस लीडर जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, ‘ये खबर वाकई सच है। राष्ट्रपति भवन ने 9 सितंबर को G20 डिनर के लिए जो इन्विटेशन भेजा है। जिसमें India की जगह Bharat लिखा गया है।
जयराम ने आगे लिखा, संविधान में अनुच्छेद 1 के मुताबिक, INDIA जिसे भारत कहते हैं वह राज्यों का एक संघ होगा, लेकिन अब इस राज्यों के संघ पर भी हमला हो रहा है।
जयराम रमेश के ट्वीट के आधे घंटे के बाद असम के CM हिमंत बिस्वा सरमा ने भी एक ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने लिखा, रिपब्लिक ऑफ भारत- खुश और गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। हमारी सभ्यता अमृत काल की ओर तेजी से बढ़ रही है।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इन्विटेशन कार्ड की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की और लिखा – जन गण मन अधिनायक जय हे, भारत भाग्य विधाता
दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल ने कहा, INDIA नाम के अलायंस बनने के बाद ये देश का नाम बदल रहे हैं। अगर कल इंडिया अलायन्स ने मीटिंग करके अपना नाम भारत रख लिया तो क्या ये भारत का नाम भी बदल देंगे और क्या ये भारत का नाम बीजेपी रख देंगे।
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा, पीएम मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ जैसे नाम दिए थे। स्किल इंडिया’, ‘खेलो इंडिया’…वे (भाजपा) ‘इंडिया’ शब्द से डरते हैं, संविधान का अनुच्छेद 1 कहता है ‘इंडिया, दैट इज भारत’…यह नाम (इंडिया) कैसे हटाया जा सकता है?
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, हमारे संविधान में साफ लिखा है कि ये ‘कॉन्स्टीट्यूशन ऑफ इंडिया’ है। इंडिया शब्द से पूरी दुनिया पहचानती है। मुझे नहीं लगता कि इसे बदलने की आवश्यकता है।
पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने सवाल किया कि अचानक ऐसा क्या हुआ कि देश का नाम बदला जा रहा। हम देश को भारत कहते हैं, इसमें नया क्या है? अंग्रेजी में हम इंडिया कहते हैं… कुछ भी नया करने को नहीं है। दुनिया हमें इंडिया के नाम से जानती है।
बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी ने कहा कि I.N.D.I.A गठबंधन से बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डर गए हैं। ये लोग अब इंडिया का नाम बदलने की साजिश कर रहे हैं। विपक्षी गठबंधन का नारा है- बढ़ेगा भारत-जीतेगा इंडिया।
तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने कहा, अब बीजेपी ‘इंडिया’ को ‘भारत’ में बदलना चाहती है…बीजेपी ने बदलाव का वादा किया है लेकिन हमें 9 सालों के बाद केवल नाम बदला हुआ मिला है।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, उन्हें हर चीज से समस्या है और मुझे नहीं है। मैं ‘भारतवासी’ हूं, मेरे देश का नाम ‘भारत’ था और हमेशा ‘भारत’ ही रहेगा। अगर कांग्रेस को इससे दिक्कत है तो उन्हें इसका इलाज खुद ढूंढना चाहिए।”
बीजेपी नेशनल जनरल सेक्रेटरी तरुण चुघ ने कहा, भारत कहने या लिखने में दिक्कत क्यों है? आप शर्म क्यों महसूस कर रहे हैं। हमारे राष्ट्र को प्राचीन काल से ही भारत कहा जाता रहा है और इसका उल्लेख हमारे संविधान में भी किया गया है। वे बिना वजह गलतफहमी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने लिखा, अब से टीम इंडिया नहीं टीम भारत कहिए। मैं जय शाह से अपील करता हूं वर्ल्डकप में भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी में भारत नाम लिखा जाए।
बॉलीवुड एक्टर अमिताभ बच्चन ने लिखा- भारत माता की जय। हालांकि उन्होंने इसका संदर्भ नहीं बताया।
INDIA नाम को लेकर विवाद तब से शुरू हुआ जब विपक्ष की 28 पार्टियों ने मिलकर एक गठबंधन बनाया। गठबंधन की पहली बैठक बेंगलुरु में 18 जुलाई को हुई थी। इसमें अलायंस का नाम INDIA (इंडियन नेशनल डेवलमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) रखा गया था। इसके बाद भाजपा विपक्ष पर हमलवार हो गई। पीएम मोदी ने INDIA की जगह इसे घमंडिया गठबंधन का नाम दिया। वहीं विपक्ष ने पलटवार करते हुए कहा था कि, बीजेपी को INDIA नाम लेने से इतनी दिक्कत क्यों है।