कानपुर: आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी विकास दुबे पुलिस एनकाउंटर में मारा जा चुका है. एसटीएफ मध्य प्रदेश के उज्जैन से उसे आज सुबह ही कानपुर लेकर आई थी. कानपुर आते ही पुलिस की गाड़ी रास्ते में पलट गई. इसी दौरान विकास दुबे ने पुलिस के एक जवान से हथियार छीनकर भागने की कोशिश की. विकास दुबे और पुलिस के बीच गोलियां चली. इस दौरान विकास दुबे गंभीर रूप से घायल हो गया. उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
पूछताछ में किया था चौंकाने वाला खुलासा
विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद पुलिस उससे लगातार पूछताछ की. इस दौरान उसने कई बड़े खुलासे किए. विकास दुबे ने कहा कि वह पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद शवों को जलाना चाहता था. जलाने के लिए शवों को एक जगह इकट्ठा किया गया था और तेल का इंतजाम भी कर लिया गया था. विकास ने पुलिसकर्मियों के संपर्क में होने की बात भी कही. विकास दुबे ने कहा कि हमें सूचना थी कि पुलिस सुबह आएगी. पुलिस रात में ही छापेमारी के लिए आ गई. डर था कि पुलिस एनकाउंटर कर देगी.
विकास दुबे ने बताया कि सीओ देवेंद्र मिश्र से उसकी नहीं बनती थी, कई बार देवेंद्र मिश्रा ने देख लेने की धमकी दी थी. विनय तिवारी ने बताया कि सीओ (देवेंद्र मिश्रा) मेरे खिलाफ हैं. सीओ को सामने के मकान में मारा गया था. मेरे साथियों ने सीओ को मारा. उसने बताया कि घटना के बाद सभी साथियों को अलग-अलग भागने को कहा था.