लालगंज, रायबरेली। कस्बे से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक अन्ना गोवंश का आतंक है। धरपकड़ अभियान न चलाए जाने से सड़कों पर घूम रहे गोवंश राहगीरों के लिए मुसीबत बने हैं। वहीं खेतों में घुसकर किसानों की मेहनत पर पानी फेर रहे हैं।
क्षेत्र में गोशालाएं होने के बावजूद लोगों को राहत नहीं मिल रही है। हालात यह हैं कि कस्बा स्थित प्रमुख चौराहों व ग्रामीण क्षेत्रों में अन्ना गोवंश के झुंड घूम रहे हैं। कई बार तो ये सड़क पर ही बैठ जाते हैं। इससे राहगीरों व वाहन चालकों का निकलना मुश्किल हो जाता है।
सुरक्षा की दृष्टि से अन्ना गोवंशों के चलते गांवों में लोग दरवाजे पर बैठना व रात में लेटना भी मुनासिब नहीं समझते। ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा गोवंश के आतंक से लोग हलकान हैं। थाना क्षेत्र के अंतर्गत दुधवन, चंदू, काल्हीगांव, रायपुर, मलकेगांव, चकगोर, छिवलहा के लोग परेशान हैं।
सैदापुर, कोड़रा आदि दर्जनों गांवों के खेतों में कभी भी अन्ना गोवंश देखे जा सकते हैं। गोवंश के झुंड पहुंच कर फसलों को चौपट कर देते हैं। इससे किसानों की मेहनत पर पानी फिरने के साथ रोजी-रोटी का सहारा भी छिन रहा है। खेतों में उपजी फसल को गोवंश चरकर नष्ट कर देते हैं। फसल बचाने के लिए किसानों को खेत में ही सोना पड़ता है।
जान पर भी बन आती है…
सड़कों पर घूम रहे गोवंशों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं से लोगों की जान पर भी बन रही है। क्षेत्र में अधिकतर सड़क हादसों की वजह अन्ना गोवंश देखे व सुने जा रहे हैं। अन्ना गोवंश क्षेत्र में कई लोगों को घायल भी कर चुके हैं। वहीं सरेनी के किसानों व परेशान ग्रामीणों के साथ-साथ समाजसेवी अखंड प्रताप सिंह निवासी ग्राम दुधवन ने जिम्मेदारों से अन्ना गोवंशों से निजात दिलाए जाने की गुहार लगाई है।
रिपोर्ट- संदीप कुमार फिजा