नई दिल्ली। अवध संस्कृति उत्कर्ष समिति, उत्तर प्रदेश ने गोस्वामी तुलसीदास के जन्मदिवस पर गांधी शांति प्रतिष्ठान, दिल्ली में आयाजित राष्ट्रीय सेमिनार में डीन,अंतरराष्ट्रीय संबंध एवं प्रभारी, हिंदी विभाग दक्षिण परिसर, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. अनिल राय को उनके महत्त्वपूर्ण साहित्यिक योगदान के लिए “अवध संस्कृति सम्मान -2023” से सम्मानित किया गया।
प्रो. अनिल राय ने दिल्ली विश्वविद्यालय से एम.ए., एमफिल. और पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है। इनकी अब तक अनेक पुस्तकें प्रकाशित और चर्चित हो चुकी हैं। उनमें से -“निर्गुण काव्य में नारी”,”आदिकालीन हिंदी साहित्य अध्ययन की दिशाएँ”, “स्त्री के हक में कबीर”,” माओ के देश में” आदि प्रमुख हैं।
इनके कई प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में शोध पत्र और लेख प्रकाशित हो चुके हैं। प्रोफेसर राय भारत के कई विश्वविद्यालयों के बोर्ड ऑफ़ स्टडीज के सदस्य हैं।
प्रो.अनिल राय इस समय भारत सरकार एवं कई राज्य संस्थानों की महत्वपूर्ण समितियों के सदस्य हैं। राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के विद्वत परिषद के सदस्य के हैं। वह एक लोकप्रिय अध्यापक के साथ एक सजग आलोचक के रूप में प्रतिष्ठित हैं।
मध्यकालीन हिन्दी साहित्य और कबीर पर उनका महत्वपूर्ण शोध कार्य है। प्रोफेसर अनिल राय का जन्म उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में हुआ था। उनके जनपद के लोग उनके सम्मानित होने से खुशी के साथ गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं ।
कई सम्मानों से सम्मानित प्रो.अनिल राय ने इस सम्मान के लिए अवध संस्कृति उत्कर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के प्रति आभार व्यक्त किया है।
- राकेश अग्रवाल