राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर अब तक का सबसे बड़ा हमला बोलते हुए कहा है कि पायलट को कैसे सीएम बना सकते हैं। जिस आदमी के पास 10 विधायक नहीं हैं, जिसने बगावत की हो, जिसे गद्दार नाम दिया गया है, उसे लोग कैसे स्वीकार कर सकते हैं। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान आने से पहले कांग्रेस में एक बार फिर खींचतान शुरू हो गई है।
गहलाेत के हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए सचिन पायलट ने कहा कि वे पहले भी मुझे नाकारा, निकम्मा और गद्दार कह चुके हैं, उन्होंने मुझ पर जो आरोप लगाए हैं, वे बेबुनियाद हैं। ये समय बीजेपी से लड़ने का है, ऐसे झूठे आरोप लगाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि वे पार्टी के अनुभवी नेता हैं, उन्हें इतना असुरक्षित नहीं होना चाहिए। हम आज किसी पद पर हैं, तो जरूरी नहीं है कि हमेशा रहें। पता नहीं कौन सीएम को ऐसी सलाह दे रहा है।
वहीं, कांग्रेस ने गहलोत के इस बयान को भी गंभीरता से लिया है। पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि अपने युवा साथी सचिन पायलट और अशोक गहलोत के मतभेद सुलझा लिए जाएंगे और इससे कांग्रेस मजबूत होगी, फिलहाल भारत जोड़ो यात्रा को सफल बनाना ही सबका लक्ष्य है।
इससे पहले, गहलोत ने कहा कि जिसके यानी सचिन पायलट के कारण हम 34 दिन होटलों में बैठे रहे, ये सरकार गिरा रहे थे, अमित शाह भी शामिल थे। धर्मेंद्र प्रधान भी शामिल थे। गहलोत ने एनडीटीवी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में यह बातें कहीं।
गहलोत कैंप के द्वारा पायलट को स्वीकार नहीं करने के सवाल पर सीएम गहलोत ने कहा- जो आदमी गद्दारी कर चुका है, उसे हमारे एमएलए और मैंने खुद भुगता है, 34 दिन तक होटलों में रहे हैं, उनको वे कैसे स्वीकार करेंगे?
सीएम रहने के सवाल पर गहलोत ने कहा- आज तो मैं ही हूं यहां पर। हाईकमान की तरफ से इशारे के सवाल पर कहा- हाईकमान के इशारे की छोड़ो, मुझे तो कोई इंडिकेशन नहीं है। मैं हाईकमान के साथ हूं। पायलट को कोई स्वीकार ही नहीं करेगा।
गहलोत ने कहा- हाईकमान राजस्थान के साथ न्याय करेगा। सितंबर की बातें हैं। अजय माकन और हाईकमान को अपनी फीलिंग बता चुका हूं। राजस्थान में सरकार आना जरूरी है। मैं तीन बार सीएम रह चुका। मेरे लिए सीएम रहना जरूरी नहीं है। आप सर्वे करवा लीजिए कि मेरे मुख्यमंत्री रहने से सरकार आ सकती है तो मुझे रखिए। अगर दूसरे चेहरे से सरकार आ सकती है तो उसे बनाइए।
पार्टी की हालत पर गहलोत ने कहा- मुझे कोई टेंशन नहीं है। थोड़े बहुत मतभेद सब जगह होते हैं। 25 सितंबर को बगावत नहीं हुई थी। 2019 में बगावत हुई थी, 34 दिन होटलों में रहे। 25 सितंबर को 90 लोग इकट्ठे हुए, ये वे लाेग थे, जिन्होंने सरकार बचाने में सहयोग किया, वर्ना सरकार बच नहीं सकती थी। बिना हाईकमान कोई सीएम सरकार बचा ही नहीं सकता।
गहलोत ने कहा कि कांग्रेस का कोई मुख्यमंत्री ऐसा नहीं है जो हाईकमान के बिना विधायकों का समर्थन ले ले। जिसने पार्टी के साथ गद्दारी की, गद्दारी किए हुए आदमी को हमारे विधायक कैसे स्वीकार कर सकते हैं।
किसी और को राजस्थान का सीएम बनाने की बात पर गहलोत ने कहा कि मैं भी कहता हूं, सरकार बचाने वाले 102 विधायकों में से किसी को बना दीजिए, लेकिन गद्दारी को हमने खुद भुगता है, हमने कैसे 34 दिन निकाले हैं, हम ही जानते हैं। मैं तो हाईकमान कहे तो आज भी तैयार हूं। हाईकमान तय कर ले कि मुझे रखना है या किसी और को। आपको अगर लगता है कि कोई दूसरा चेहरा चुनाव जितवा सकता है तो उसे बना दीजिए।
गहलोत के आरोपों पर सचिन पायलट ने पलटवार किया है। पायलट ने कहा- मैं नहीं जानता कि कौन उन्हें एडवाइज करता है। उन्होंने आज से पहले भी मेरे बारे में बहुत सी बातें बोली थीं, मुझे नकारा निकम्मा और गद्दार कहा। कई आरोप लगाए। इस प्रकार के बेबुनियाद और झूठे आरोपों की जरूरत नहीं है। अभी वक्त है, कैसे पार्टी को हम मजबूत करें। राहुल गांधी यात्रा लेकर निकले हैं। अगले महीने यात्रा राजस्थान आ रही है, हमारा फोकस उस यात्रा को सफल बनाने पर होना चाहिए। आज देश की जरूरत है, देश में कांग्रेस ही बीजेपी को चुनौती दे सकती है। अशोक गहलोत गुजरात में प्रभारी हैं, हमें सामूहिक रूप से बीजेपी को हराने का प्रयास करना चाहिए।
पायलट ने कहा- आज के समय वरिष्ठ और अनुभवी नेता को यह बोलना शोभा नहीं देता। एक-दूसरे पर आरोप लगाए, यह सही नहीं है। अभी एकजुट रहने का चुनौती वाला समय है। दोबारा सरकार में कैसे आएंगे, चिंता इसकी होनी चाहिए। किसी व्यक्ति को इतना असुरक्षित नहीं होना चाहिए। राजनीति में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। हमेशा कोई पद पर नहीं रहता।
सोनिया से मिलने के बाद गहलोत ने कहा था- मैंने हमेशा वफादार सिपाही के रूप में काम किया है। विधायक दल की बैठक के दिन हुई घटना ने सबको हिलाकर रख दिया। ऐसा लगा जैसे कि मैं मुख्यमंत्री बने रहना चाहता हूं, इसलिए मैंने उनसे माफी मांगी है।