अस्पताल में धूल खा रहे हैं लाखों रुपए कीमत के कंप्यूटर

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मरीजो को कंप्यूटराइज्ड पर्चा और रिकॉर्ड के लिए लगाए गए थे आठ कंप्यूटर।

लालगंज (रायबरेली) , कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों और डॉक्टरों की सहूलियत के लिए करीब एक साल पहले आठ कंप्यूटर लगाए गए थे। जो अब पूरी तरह से निष्प्रयोज्य हो गए हैं। सभी कंप्यूटर ओपीडी कक्ष में रखे धूल खा रहे हैं। शासन के मंशा के अनुरूप मरीजों को कंप्यूटरीकृत पर्चा देने और मरीजों से संबंधित सारा विवरण एक क्लिक में रखने के लिए सीएचसी को आठ कंप्यूटर उपलब्ध कारण गए थे। इन्हें पर्चा कक्ष, सभी ओपीडी और वार्डों में लगाकर नेटवर्किंग का कार्य भी पूरा कर लिया गया था। सीएचसी में इलाज करने के लिए आने वाले मरीजों को मैन्युअल पर्चा की जगह पर कंप्यूटरीकृत पर्चा देने की योजना थी।

जिसमें प्रत्येक मरीज का एक यूनिक नंबर व उसका विवरण अंकित किया जाना था। मरीज जैसे ही ओपीडी में अपने पसंदीदा डॉक्टर को दिखाने पहुंचता, कंप्यूटर पर दर्ज मरीज का पूरा विवरण डॉक्टर के कंप्यूटर स्क्रीन पर प्रदर्शित हो जाता। इस प्रकार ओपीडी, इमरजेंसी और वार्डों में भर्ती मरीजों का पूरा डाटा ऑनलाइन रखने की योजना थी। इससे न केवल मरीजों को इलाज करने में सहायता मिलती बल्कि डॉक्टर को भी सहूलियत होती। लेकिन कुप्रबंधन के चलते लाखों रुपए कीमत के यह कंप्यूटर सिस्टम डॉक्टरों के केबिन में रखे धूल खा रहे हैं। अस्पताल के कर्मचारियों की माने तो कंप्यूटर असेंबलिंग के बाद एक बार भी ट्रायल भी नहीं किया जा सका। लापरवाही के कारण सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है।

रिपोर्ट- संदीप कुमार फिजा

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