बीडीओ की भूमिका भी संदेह के घेरे में
भ्रष्टाचारियो पर एफआईआर के लिए वाटसएप पर भेजी बीडीओ ने तहरीर
बेलाताल ( महोबा )
ग्राम पंचायत में विकास कार्य के नाम पर किए गए घोटाले को उजागर करना आरटीआई एक्टिविस्ट को भारी पड गया है .
अजनर थाना क्षेत्र के धवर्रा ग्राम के रोजगार सेवक रविंद्र खरे पुत्र केशव नारायण खरे के जो आरटीआई एक्टिविस्ट है पर गांव के ही दीपू उर्फ कुलदीप खरे पुत्र जवाहर खरे कई बार हमला कर चुका है . इस संबंध में रोजगार सेवक ने अजनर थाने में लिखित तहरीर दी थी . जिस संबंध में अभियुक्त के खिलाफ धारा 504 व 506 के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत कर दिया गया था ।
लेकिन इसके बावजूद ग्राम रोजगार सेवक पर लगातार हमले हो रहे हैं . आरटीआई के माध्यम से सूचनाएं प्राप्त कर गांव में किए गए भ्रष्टाचार का खुलासा किया था। जिससे गांव में तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी , तकनीकी सहायक व विकासखंड जैतपुर में तैनात लेखाकार को दोषी पाया गया था . जिस के संबंध में उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही भी की गई थी . इसी वजह से घोटाले में संलिप्त कुलदीप खरे मेरे पीछे पड़ गया और मुझको आए दिन गाली गलौज व मार पिटाई करता है .
आरटीआई एक्टिविस्ट रविन्द्र खरे के अनुसार भ्रष्टाचार के इस मामले में खंड विकास अधिकारी की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता है क्योंकि जब मनरेगा योजना से भुगतान किया जाता है तो खंड विकास अधिकारी का भी डिजिटल सिगनेचर लगाया जाता है और अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा का भी डोंगर लगाया जाता है लेकिन इन दोनों की भ्रष्टाचार में संलिप्तता होने के बावजूद भी इन्हें बचाया गया है ।
इसी के चलते खंड विकास अधिकारी जैतपुर के द्वारा निष्क्रियता बरतने के कारण दोषियों के खिलाफ अभी तक प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज नही हुई।
ज्ञात हो कि जनपद महोबा के विकासखंड जैतपुर की चर्चित ग्राम पंचायत धवर्रा मैं मनरेगा योजना के अंतर्गत जमकर वित्तीय अनियमितताएं की गई थी जिसके संबंध में तत्कालीन मनरेगा उपायुक्त द्वारा स्थलीय निरीक्षण कर मनरेगा के कार्यों में भारी अनियमितताएं उजागर की थी इसके संबंध में 25 सितम्बर को उपायुक्त श्रम रोजगार कार्यालय महोबा द्वारा (पत्रांक संख्या 705 ) ग्राम धवर्रा में मनरेगा योजना अंतर्गत गंभीर वित्तीय व तकनीकी अनियमितता किए जाने मैं ग्राम विकास अधिकारी शिव कुमार सोनी, तकनीकी सहायक रवि गुप्ता , लेखाकार गोरेलाल व सहायक लेखाकार श्रवण कुमार के विरुद्ध प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश खंड विकास अधिकारी प्रशान्त कुमार को दिए थे।
लेकिन खंड विकास अधिकारी द्वारा इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया . उन्होंने 28 सितम्बर को व्हाट्सएप के द्वारा अजनर थाना अध्यक्ष को पत्र प्रेषित किया जिस कारण अभी तक दोषियों के खिलाफ प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज नहीं की जा सकी है।
ना जाने क्यों खंड विकास अधिकारी प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज कराने में हिचकिचा रहे हैं । जबकि लिखित रूप से निर्देशित किया गया था कि प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज कराएं ।लेकिन इन्होंने उपायुक्त श्रम रोजगार कार्यालय महोबा के पत्र को तवज्जो नहीं दी हैं .
दोषियों को बचाने में बीडीओ सहयोग क्यों प्रदान कर रहे हैं यह भी एक जांच का विषय है.