उत्तराखंड में सड़क दुर्घटना में ज़ख्मी क्रिकेटर ऋषभ पंत पहले से बेहतर हैं। मैक्स अस्पताल के मुताबिक पंत की ब्रेन और स्पाइन MRI रिपोर्ट नॉर्मल है। शुक्रवार को उनके चेहरे की प्लास्टिक सर्जरी हुई। दर्द-सूजन के कारण पंत के घुटने और टखने की MRI टाल दी गई है।
बता दें कि पंत शुक्रवार को सुबह सड़क हादसे में बाल-बाल बच गए। पुलिस के मुताबिक, झपकी लगने से यह हादसा हुआ। उनकी मर्सिडीज अनियंत्रित होकर डिवाइडर से जा टकराई, जिसके बाद उसमें आग लग गई और पलट गई।
इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंत के एक्सीडेंट पर चिंता जताई। उन्होंने लिखा- क्रिकेटर ऋषभ पंत के हादसे में घायल होने से व्यथित हूं। मैं उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करता हूं। PM ने उनकी मां से फोन पर बातचीत की और उनका हालचाल भी लिया।
बता दें कि एक्सीडेंट के बाद पंत जलती हुई कार की खिड़की तोड़कर खुद ही बाहर निकले। लोग बचाने पहुंचे तो बोले- मैं ऋषभ पंत हूं। उन्हें सिर, पीठ और पैर में गंभीर चोटें आई हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, उनकी हालत खतरे से बाहर है। उन्हें इलाज के लिए रुड़की से देहरादून ले जाया गया है। यहां के मैक्स हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा है। डॉक्टर की एक टीम उनकी निगरानी कर रही है।
बोर्ड के सचिव जय शाह ने कहा, पंत के माथे पर दो चोटें आईं हैं। घुटने का लिगामेंट टूटा है। दाहिनी कलाई और एड़ी में भी चोट पहुंची हैं। एमआरआई के बाद उनकी चोट की गंभीरता का पता चल सकेगा। हम लगातार मेडिकल टीम और उनकी फैमिली के संपर्क में हैं। इस मुश्किल समय में हम पंत को हरसंभव मेडिकल ट्रीटमेंट और मदद देंगे।
ये CCTV सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इसमें स्पीड में आते हुए कार दिखाई दे रही है, जो रेलिंग में जाकर टकरा जाती है। यह गाड़ी ऋषभ पंत की बताई जा रही है। पंत कार से निकलने के बाद सड़क पर तड़पते देखे गए। गांववालों और राहगीरों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया। उनके चेहरे पर खून साफ देखा जा सकता है।
हादसा सुबह 5.30 बजे रुड़की के नारसन बॉर्डर पर हम्मदपुर झाल के मोड़ पर हुआ। वह अपनी कार नंबर DL 10 CN 1717 को खुद ही ड्राइव कर रहे थे। झपकी के बाद उनकी मर्सिडीज अनियंत्रित होकर डिवाइडर से जा टकराई। यह जगह उनके घर से 10 किलोमीटर दूर है। उस वक्त कार की रफ्तार 150 किमी/घंटे थी। कार 200 मीटर तक घिसटते चली गई।
हादसे के बाद पंत को एंबुलेंस से पहले इलाज के लिए रुड़की के सक्षम हॉस्पिटल ले जाया गया। अभी उनकी हालत स्थिर है। पंत को सिर, पीठ और पैर में चोटें आई हैं।
गांव वालों ने बताया कि उन्होंने तेज धमाका सुना। देखा कि एक कार डिवाइडर से टकराने के बाद कुछ फीट तक घसीटते चली गई। ऐसा लगा कि पलटी और उसमें आग लग गई। हमने उन्हें उठाया और अस्पताल पहुंचाया। उधर,उत्तराखंड DG अशोक कुमार के मुताबिक, एक्सीडेंट के बाद पंत जलती हुई कार की खिड़की तोड़कर बाहर निकले थे।
डॉक्टर सुशील नागर ने दैनिक भास्कर को बताया कि पंत सीट बेल्ट नहीं पहने थे। इसलिए वे सुरक्षित बाहर आ गए। अगर वे सीट बेल्ट पहने होते तो कार में आग लगने के बाद वह झुलस सकते थे। हादसे के बाद पंत को एंबुलेंस से पहले इलाज के लिए रुड़की के सक्षम हॉस्पिटल ले जाया गया।
ऋषभ पंत को हादसे के बाद हरियाणा के पानीपत जिले की रोडवेज डिपो के ड्राइवर सुशील और कंडक्टर परमिंदरजीत सिंह ने जलती कार से बाहर निकाला था। उनकी बस हरिद्वार से पानीपत आ रही थी। उनका कहना है कि पंत की कार दूसरी साइड से उछल कर उनकी बस के आगे आ गई। उसने इमरजेंसी ब्रेक लगाने चाहे, लेकिन तक कार पलटी खाकर कंडक्टर साइड चल गई। दोनों ने पंत को बाहर निकाला और पीठ पर चोट देख छाती के बल कच्ची जगह पर लिटा दिया। दोनों को इस काम के लिए पानीपत के रोडवेज डिपो में सम्मानित किया गया।