एक गांव ऐसा जो विकास से कोसों दूर

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रिपोर्ट-महेन्द्र कुमार गौतम

जालौन। जालौन के मुख्यालय से करीब 60 किलोमीटर दूर स्थित गाव माधौगढ़ तहसील क्षेत्र के महाराजपुरा में आज भी विकास के लिए तरस रहा है।यह गाँव जनपद के मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश की बेतवा नदी के किनारे दस्यु प्रभावित रहा है।बीहड़ पट्टी वह गाव है जहाँ के प्रधान सचिव की मिली भगत से सारी योजनाओ का बंदर वांट कर लिया गया।ग्रामीणों का आरोप है कि उन्होंने इसकी शिकायत छोटे अधिकारी से लेकर जिला अधिकारी से तक की है लेकिन ग्राम प्रधान व सचिव की मिलीभगत से कोई कार्यवाही नही होती है।महाराजपुरा के ग्रामीणों ने अपना दर्द कैमरे के सामने वयां किया।कि कोरोना काल मे हम लोग बाहर से घर आये मजदूरों को मुख्यमंत्री ने गाव में रोजगार देने की बात कही लेकिन जॉब कार्ड में काम हम लोगो से लिया गया और जो कभी काम पर नही गए जो गाव के पूंजीपति है उनके परिजनों को पैसा आधे आधे पर दे दिया गया।एक बूढ़ी माँ की आंखों से भूख और लाचारी आंखों के आंसुओं से कैमरे के सामने निकल पड़ी। गाव की सड़कों की हालत इतनी खराब है कि निकलना मुस्किल है।शौचालय तो मील लेकिन 6000 ही रुपये दिए गए बाकी आधे प्रधान ने बैंक में जाकर आधे पैसा वही ले लिया जिससे शौचालय अधूरे पड़े है।किसी भी पात्र को आवास नही दिए गए सभी आवास अपात्रो के पास है।गाव के पंचायत भवन में प्रधान की भेंसे बंधी है लाखो रुपये की बिल्डिंग में प्रधान जी के जानवर बांधे जाते है।जब प्रधान से लोगो ने शिकायत की बात कही तो प्रधान ने बेतुका जबाब दिया कि में सभी को कुछ न कुछ दक्षिणा देते है मेरे ऊपर कभी कार्यवाही नही हो सकती है।आज जब मीडिया ने एडीएम प्रमिल कुमार से बात की तो उन्होंने जांच के आदेश दे दिए अब देखना ये है कि ऐसे भ्रष्ट प्रधान के खिलाफ जांच होती है है कोई कार्यवाही होती है या फिर जांच अधिकारी भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाएगी जांच।

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