एमपी से आ रहे 32 मजदूरों को प्रशासनिक अधिकारियों ने चित्रकूट बार्डर पर रोका

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चित्रकूट – कोरोंना संक्रमण के फैलाव से बचाव हेतु लागू किए गए लॉक डाउन पार्ट -1 एवम् पार्ट -2 के बाद देश के बड़े शहरों में काम करने वाला मजदूर वर्ग लगातार पलायन करके अपने घरों को जा रहा है। एक तरफ जहां दिल्ली से मजदूरों के पलायन करने के बाद यू पी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व्यवस्था का जायजा लेने के लिए खुद ही नोएडा तक पहुंच गए थे, तो वहीं कोटा राजस्थान में पढ़ने वाले बच्चों को वापस लाने के लिए यू पी प्रशासन के द्वारा 250 बसों का बेड़ा कोटा राजस्थान तक भेजा गया था। लेकिन वही यू पी का प्रशासन अब अपने ही नागरिकों को अपनी ही सीमा में प्रवेश भी नहीं करने दे रहा है।

ये है पूरा मामला….

मामला यू पी एम् पी के बार्डर एरिया चित्रकूट धाम का है। जहां बीते दिनों यू पी के 114 मजदूरों को एम पी सरकार के द्वारा बसों बिठाकर यू पी पहुंचाया जा रहा था लेकिन चित्रकूट यू पी बार्डर पर इनको घुसने से रोक दिया गया था, अभी यह मामला पूरी तरह से ठंडा भी नहीं होने पाया था कि आज यू पी के प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा फिर वही कहानी दोहराई गई,जब एम पी सरकार के द्वारा गुजरात में काम करने वाले यू पी के मजदूरों को गुजरात एम पी बार्डर के झाबुआ जिले से बस में बिठाकर इन सभी को इनके घर उत्तर प्रदेश में भेजा जा रहा था। लेकिन चित्रकूधाम के यू पी एम् पी बार्डर में निर्मोही अखाड़े के पास चित्रकूट यू पी के प्रशासनिक अधिकारियों ने इनके यू पी सीमा में घुसने पर रोक लगा दी। ऐसी स्थित में हैरान और परेशान यह सभी मजदूर समझ भी नहीं पा रहे हैं कि आखिर उनका कसूर क्या है,जिसके कारण उन्हें उनके ही प्रदेश और घरों में जाने से रोका जा रहा है।

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