एक्सक्लूसिव खबर
कोविड सेंटर में निगेटिव बताकर रात में कर दिया दरबदर
१०० किमी. पैदल चलकर पहुंचा अपने घर
कुलपहाड ( महोबा ) । कोरोना पॉजिटिव मामलों को तमाशा बना दिया गया है। कोरोना पाजिटिव निकलने के बाद किस कदर व्यक्ति की बेकदरी होती है इसका जीता जागता उदाहरण है अजनर ग्राम का नवयुवक केशकुमार ।
अजनर में कोरोना टेस्टिंग में 3 व्यक्तियों को कोरोना पाजिटिव बताया गया। तीनों को आनन फानन में प्रशासनिक मशीनरी ने क्वारंटाइन सेन्टर पनवाडी भेज दिया गया। पनवाडी क्वारंटीन सेंटर हाउसफुल होने के कारण तीनों कोरोना पाजिटिव पेशेंट को मंडलीय कोविड सेंटर बाँदा भेज दिया गया। जहाँ अजनर के केशकुमार ( उम्र 32 वर्ष ) पुत्र घनश्याम पाल ने को रात में 3 बजे एम्बुलेन्स कर्मियों ने कोविड सेन्टर के बाहर ही उतार दिया। बांदा में कोविड सेंटर ने केशकुमार को कोरोना निगेटिव बताकर कोविड सेंटर से बाहर कर दिया। केश कुमार से कहा कि तुम्हें कुछ नही है तुम सुबह घर चले जाना। केशकुमार रात भर कोविड सेंटर के बाहर भूखा पडा रहा।
खाली पेट , खाली जेब कैसे जाए घर। ऐसे में केशकुमार बांदा से अपने घर पैदल चल पडा। बांदा से लगभग एक सौ दस किमी. की पैदल यात्रा कर जब केश कुमार अजनर वापस पहुंचा तो गांववासियों का गुस्सा फूट पडा कि जब वहाँ कुछ होना ही नहीं है तो फिर जाँच के नाम पर तमाशा क्यों किया जा रहा है।
नाराज गांववासियों ने शनिवार को कोरोना जाँच नही कराई । ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि पहले जो जाँचे हुई उसमें गाँव में मुनादी करा दी गई थी कि जो जाँच नही करायेगा उसको राशन की दुकान से राशन मिलना बन्द हो जाएगा।
दूसरी ओर कोरोना जांच करने गई स्वास्थ्य टीम पर मेला मुहाल में पत्थर फेंके गए। पथराव में डाॅ. आशुतोष सोनी ए एन एम नीतू बाल बाल बच गए।