रायबरेली। जिले में बढ़ते कोरोना संकट को लेकर सांसद सोनिया गांधी गंभीर हैं। अपनों की मदद और इलाज के लिए उन्होंने अपनी सांसद निधि से एक करोड़ 17 लाख 77 हजार रुपये दिए हैं।
उन्होंने बकायदा डीएम को पत्र लिखकर अपनी सांसद निधि में उपलब्ध पूरी धनराशि कोरोना सुरक्षा में खर्च करने की संस्तुति दी है। सोनिया गांधी ने कहा है कि हमें अपने जिले की जनता की काफी फिक्र है।
सभी कोरोना को लेकर सतर्कता बरतें। घर में ही रहे। किसी कारणवश घर से निकलें तो मास्क जरूर लगाएं। साथ ही सैनिटाइजर का प्रयोग करने के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
जिले में कोरोना से हर दिन लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। साथ ही लोग संक्रमित हो रहे हैं।
हालात ये हैं कि कोरोना का कहर दिन बढ़ता जा रहा है। ऑक्सीजन की किल्लत बनी है। लोगों को अस्पतालों में भर्ती होने की सुविधा नहीं है।
कोरोना से बचाव के लिए सुरक्षा उपकरण की कमी तक हो गई है। ऐैसे में जिले की 34 लाख आबादी को कोरोना से बचाने के लिए सोनिया गांधी ने अपने कदम बढ़ाते हुए अपनी निधि से पैसा खर्च करने की संस्तुति दी है।
सोनिया गांधी के प्रतिनिधि कैएल शर्मा और कांग्रेस के जिला प्रवक्ता विनय द्विवेदी ने बताया कि सांसद ने डीएम को भेजे पत्र में कहा है कि मुख्य विकास अधिकारी को अवगत कराया है कि मेरी निधि में एक करोड़ 17 लाख 77 हजार धन स्वीकृत है।
वर्तमान समय में कोविड-19 जैसी महामारी संपूर्ण देश के अलावा जिले में व्यापक रूप से फैली हुई है, जिससे जनता को अत्यंत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
इसलिए मेरी सांसद निधि से शेष धनराशि कोविड-19 की महामारी से अपने निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली की जनता के बचाव के लिए नियमानुसार आवश्यक उपकरण क्रय एवं अन्य जिन मदों में भी आवश्यकता हो, उनमें व्यय किया जाए। सांसद प्रतिनिधि ने बताया कि सोनिया गांधी जिले की जनता को लेकर गंभीर है। वह चाहती हैं कि लोगों को बेहतर इलाज मुहैया हो सके।
जीआईसी मैदान में अस्थायी अस्पताल खोलना चाहते हैं एमएलसी
रायबरेली। एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह ने कहा है कि यदि ऑक्सीजन के साथ जीवन रक्षक दवाएं और स्टाफ उपलब्ध करा दिया जाए तो वह जीआईसी मैदान में 500 बेड का अस्थायी अस्पताल खोलना चाहते हैं। यदि ऐसा हो जाए तो परेशान लोगों को काफी राहत मिल सकती है। इसका एक पत्र शुक्रवार को एमएलसी ने जिलाधिकारी को लिखा है। उनका कहना है कि वह भी इस बीमारी का शिकार हुए हैं और 20 दिन बाद निगेटिव रिपोर्ट आई है। उन्होंने पत्र में यह भी लिखा है कि ऑक्सीजन की व्यवस्था कराई जाए। यदि कमी है तो उसे सार्वजनिक किया जाए, ताकि वह सरकार से अनुरोध कर इसकी व्यवस्था करा सकें।
रिपोर्ट अभय प्रताप सिंह