रिपोर्ट- सुधीर त्रिवेदी
बांदा। मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ के आदेशानुसार जनपद में सेक्टर व्यवस्था लागू कर मजिस्ट्रेट नियुक्त कर ये सुनिश्चित किया जायेगा कि सेक्टर के अन्तर्गत आने वाले सभी चिकित्सालयों में मरीजों को दाखिल कराया जाये। इसी क्रम में जिला मजिस्ट्रेट आनन्द कुमार सिंह ने बताया कि जनपद बांदा में कोविड-19 की द्वितीय लहर से संक्रमित मरीजों के उपचार हेतु राजकीय एलोपैथिक मेडिलकल काॅलेज बांदा (एल-3) कोविड हास्पिटल एवं संयुक्त मण्डलीय चिकित्सालय बांदा (एल-2) कोविड हास्पिटल संचालित है। इन दोनो हाॅस्पिटल में मरीजों को दाखिल कराये जाने हेतु दो सेक्टर मजिस्ट्रेट नामित किये गये हैं।
राजकीय एलोपैथिक मेडिलकल काॅलेज बांदा कोविड हास्पिटल (एल-3) में सुधीर कुमार, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/उप जिलाधिकारी सदर, मोबाइल नम्बर- 9454415969 एवं संयुक्त मण्डलीय चिकित्सालय बांदा कोविड हास्पिटल (एल-2) में तिमराज सिंह, तहसीलदार न्यायिक बांदा, मोबाइल नम्बर- 9410815335 को सेक्टर मजिस्ट्रेट नामित किया गया है।
आनन्द कुमार सिंह ने बताया कि दोनो नामित मजिस्ट्रेट अपने-अपने सेक्टर में संचालित कोविड हाॅस्पिटल राजकीय एलोपैथिक मेडिलकल काॅलेज बांदा (एल-3) कोविड हास्पिटल एवं संयुक्त मण्डलीय चिकित्सालय बांदा कोविड हास्पिटल (एल-2) में कोविड संक्रमित मरीजों को दाखिल करवाना सुनिश्चित करेंगे तथा यह भी ध्यान रखेंगे कि मरीजों को कोविड हाॅस्पिटल में दाखिले में कोई कठिनाई न हो। उन्होंने कहा कि जनपद में स्थापित एकीकृत कोविड कमान्ड कन्ट्रोल रूम में तैनात अधिकारी/कर्मचारी फोन अनिवार्य रूप से अटेन्ड करें और अपना परिचय दें। किसी भी व्यक्ति की समस्या सुनकर तत्काल उसका निस्तारण कराया जाए और कोविड-19 के कार्य से जुडे समस्त अधिकारी अपना दूरभाष अनिवार्य रूप से अटेन्ड करें। श्री सिंह ने मुख्य विकास अधिकारी बांदा नोडल अधिकारी एकीकृत कोविड कमान्ड कन्ट्रोल रूम बांदा एवं सुरभि शर्मा, डिप्टी कलेक्टर/सह नोडल प्रभारी को निर्देशित करते हुए कहा कि आईसीसीसी के बाहर बडे-बडे अक्षरों में होर्डिंग पर हेल्पलाइन नम्बर डिसप्ले करायें और आईसीसीसी को और प्रभावी एवं क्रियाशील बनायें। आईसीसीसी में स्थापित दूरभाष नम्बर-(एसटीडी कोड- 05192) 221624 मेडिकल हेल्प लाइन, 221625, 221626, 221627, 221628, 221629, 221630 एवं 221632 कुल 08 दूरभाष नम्बर निरन्तर क्रियाशील रखें जायें तथा आवश्यकतानुसार इंनकमिंग/आउटगोइंग नम्बर बढा लिये जायें। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी दशा में जनपद में इस प्रकार की सूचना या समाचार प्राप्त होता है कि मरीजों को समुचित उपचार प्राप्त नही हुआ तथा आईसीसीसी के संचालन में शिकायत प्राप्त होती है तो ऐसी स्थिति में संबंधित सेक्टर मजिस्ट्रेट एवं आईसीसीसी के नोडल एवं सह नोडल प्रभारी व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होंगे। उपरोक्त निर्देशों का कडाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाये।