गोवंश से लदा ट्रक अनियंत्रित होकर पलटा

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रिपोर्ट- संदीप कुमार

आधा दर्जन से अधिक गोवंशों की हुई मौत

पुलिस की निष्क्रियता से गोतस्करी को मिल रहा बढ़ावा

पुलिस की सांठगांठ के चलते नहीं थम रही गोतस्करी

लालगंज (रायबरेली)सरेनी!योगी सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद भी गो-तस्‍करी रुक नहीं पा रही है।लंबे समय से सरेनी में गौ तस्करी का खेल धड़ल्ले से किया जा रहा है!बेरोंकटोक मवेशियों के परिवहन एक स्थान से दूसरे स्थान के लिए फर्राटा भर रहे हैं!रात के अंधेरे में फर्राटा भरने वाले इस तरह के परिवहन की जानकारी सरेनी थाने की पुलिस को भी होती है लेकिन इसके बाद भी पुलिस कोई कार्यवाही नहीं करती है!पुलिस की सांठगांठ के चलते सरेनी क्षेत्र में प्रतिबंधित गोवंश की तस्करी थमने का नाम नहीं ले रही है!ऐसा नहीं है कि इस गोरखधंधे के बारे में पुलिस को पता नहीं है जानकारी होने के बावजूद भी स्थानीय पुलिस हांथ पर हांथ धरे बैठी है!मूकदर्शक बनी पुलिस द्वारा गौ-तस्करों के खिलाफ कार्यवाही करना तो दूर गो- तस्करों से कमीशन लेकर गो-तस्करी को बढ़ावा दिया जा रहा है!एक ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है जहां गोतस्करों द्वारा गोतस्करी के लिए शुक्रवार की रात को गोवंश से भरा एक ट्रक रामपुर कला गांव के लोगों ने देख लिया तो ट्रक का पीछा किया लेकिन तभी चालक सहम गया और डर के कारण ट्रक की रफ्तार तेज कर दी और नतीजतन अनियंत्रित होकर ट्रक रामपुर कला गांव के नजदीक पूरे शुब्बा गांव के पास पलट गया और ट्रक पलटने से लगभग आधा दर्जन से अधिक मवेशियों की मौत हो गई व एक दर्जन मवेशी घायल हो गए!वहीं इस बीच ट्रक ड्राइवर मौके से भागने में सफल रहा!ग्रामीणों ने शनिवार की सुबह मामले की जानकारी पुलिस को दी!सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष सरेनी रवेंन्द्र सिंह मय फोर्स घटनास्थल पर पहुंचे और जेसीबी बुलाकर ग्रामीणों की सहायता से मृत मवेशियों को ट्रक से बाहर निकलवाया!वहीं घायल मवेशियों के इलाज के लिए पशु चिकित्सक को बुलाया!थाना क्षेत्र के रामपुर कला गांव के लोग बीती रात करीब 2:00 बजे खेतों की रखवाली कर वापस घर आ रहे थे कि तभी एक ट्रक आता दिखाई पड़ा,किसानों ने उसे रोकने का प्रयास किया तो चालक ने ट्रक की रफ्तार बढ़ा दी,इस पर शक हुआ तो लोगों ने ट्रक का पीछा किया लेकिन कुछ दूर जाने के बाद ट्रक एक गड्ढे में घुसकर पलट गया!चालक ट्रक छोड़कर भाग गया!ग्रामीणों ने देखा तो ट्रक में मवेशी लदे हुए थे और उसमें कुछ मवेशी मर चुके थे और एक दर्जन घायल हो गए थे!ट्रक में कुल 28 गोवंश लदे हुए थे!लोगों ने पुलिस को घटना से अवगत कराया तो पुलिस मौके पर पहुंची और मृत मवेशियों को जेसीबी की मदद से गडवा कर घायल मवेशियों के इलाज के लिए पशु चिकित्सक को बुलवाया!वहीं मामले की जानकारी देते हुए कोतवाल रवेंन्द्र सिंह ने बताया कि मृत मवेशियों के शव को गडवा दिया गया है व घायल मवेशियों के इलाज के लिए चिकित्सक को बुलाया गया है!बता दें कि अभी कुछ दिन पहले ही सरांय बैरिहा खेड़ा चौराहे पर एक मवेशियों से लदा कंटेनर एक मकान में घुस गया था नतीजे में आधा दर्जन से भी ज्यादा मवेशी मर गए थे व इस दौरान एक युवक को भी अपनी जान गंवानी पडी थी!

पुलिस कि रात्रिगश्त की खुली पोल

यह कोई पहली घटना नहीं है कि मवेशियों से लदा वाहन पलट गया हो बल्कि इससे पूर्व भी लगभग एक सप्ताह पहले एक मवेशियों से लदा कंटेनर एक युवक को कुचलता हुआ एक मकान में घुस गया था!ऐसे में सवाल वाजिब है कि आखिर अन्य जनपदों से मवेशियों से लदे वाहन क्षेत्र की सीमाओं में कैसे प्रवेश कर जाते हैं! क्या रात में पुलिस सोती है,गश्त नहीं करती है और यदि पुलिस गश्त करती है और मुस्तैद रहती है तो फिर मवेशियों से लदे वाहनों को क्षेत्र की सीमाओं पर पकडने में नाकाम क्यों है!आखिर मवेशियों से भरे वाहन रात में किसकी शह व मिलीभगत से बेधडक चौराहों के बीच से क्षेत्र की प्रमुख मार्गों में फर्राटा भरते हैं!क्या पुलिस भी रात में आमलोगों की तरह खर्राटे भरती है और मवेशियों से लदे वाहनों के दुर्घटना ग्रस्त होने पर मुस्तैदी दिखाते हुए मामले में इतिश्री कर लेती है!उपरोक्त तथ्यों से पुलिस की रात्रि गश्त पर सवालिया निशान लगना जायज है!

सर्दी के मौसम में गो-तस्कर अधिक हो जाते हैं सक्रिय

सर्दी के मौसम दिसंबर,जनवरी व फरवरी माह में गोतस्कर अधिक सक्रिय हो जाते है और गोवंश को ट्रक सहित अन्य चौपहिया वाहनों में लाद कर ले जाते हैं।जानकारों का मनाना है कि सर्दी के मौसम में रात के समय शहर ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश लोग अपने घरों के अंदर रहते हैं और इसी का फायदा गोतस्कर उठाते हैं।वहीं पुलिस की निष्क्रियता भी गोवंश की तस्करी को बढ़ावा देने में सहयोग करती है।

बंधे हुए थे रस्सी से पैर

ट्रक में कुल 28 मवेशी लदे हुए थे जिनमें 8 मवेशी मृत निकले! घायलावस्था में मिले मवेशियों को मौके पर ही उपचार दिया गया।वहीं मृत गौवंशों को गंगा के समीप जंगल में रिक्त पड़ी भूमि पर उन्हें जेसीबी की सहायता से गड्ढा खुदवाकर दफनाया गया!खबर लिखे जाने तक इस संदर्भ में कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया था।गोतस्करों ने जिस ट्रक में गोवंश को ठूंस-ठूंस कर भर रखा था उसमें हवा और रोशनी की कोई व्यवस्था तक नहीं थी।इतना ही नहीं गोतस्करों ने ट्रक में भरे गोवंशों के पैर रस्सियों से बांध रखे थे!

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