रिपोर्ट – राजकुमार गुप्ता, वाराणसी
वाराणसी: मिर्जामुराद – बाल हिंसा, बाल विवाह, शोषण, नाबालिग बच्चों को नशे से बचाने, शिक्षा से वंचित बच्चों को शिक्षा दिलाने पर नजर रखने के लिए ग्राम स्तरीय बाल संरक्षण समिति का पुनर्गठन किया गया। समिति आराजी लाइन के प्रत्येक गांव में काउंसलिंग के माध्यम से बच्चों को प्रेरित करेगी। जिला बाल संरक्षण अधिकारी निरूपमा सिंह ने समितियों को उनके कार्यों के बारे में विस्तार से बताया। आराजी लाइन क्षेत्र के नागेपुर, बेनीपुर व गनेशपुर में जिला बाल संरक्षण विभाग की ओर से बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में ग्राम स्तरीय समितियों का गठन, सीडब्ल्यूसी, जेजेबी, चाइल्ड लाइन और बाल अपराध अधिनियम 2015 पर चर्चा की गई। संरक्षण अधिकारी निरुपमा सिंह ने कहा कि विभाग की ओर से गरीब, अनाथ बच्चों की परवरिश के लिए उनके अभिभावकों का संयुक्त खाता खुलवाकर प्रत्येक माह दो हजार रुपये दिए जाएंगे।
रुपये हर तीन माह बाद उनके खाते में आएंगे। एक घर से केवल दो बच्चों का ही चयन किया जाएगा। काशी विद्यापीठ समाज कार्य विभाग के प्रोफेसर संजय सिंह ने नाबालिगों के लिए बने कानूनों की जानकारी दी। जिला बाल संरक्षण इकाई से निरुपमा सिंह, समाज कार्य विभाग काशी विद्यापीठ से प्रो. संजय सिंह, शाधिका परियोजना से बिंदु सिंह, सुरेंद्र यादव, रणविजय सिंह, आशीष सिंह, सरिता, अमर दुबे, बेनीपुर प्रधान फुलदेई देवी प्राइमरी विद्यालय के प्रधानाध्यापक देवेश कुमार सिंह, नागेपुर प्रधान पारसनाथ प्रधानाध्याक अनिल कुमार तिवारी, गनेशपुर प्रधान शकिला बानो, प्रधानाध्यापक ओमप्रकाश और अभिभावक एवं बालक एवं बालिकाएं सहित एनम्, आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ती गठन की प्रक्रिया में मौजूद थे।