रिपोर्ट- अवनीश कुमार मिश्रा
आज वैशाख मास की पूर्णिमा है। जिसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहते हैं ।
आज ही के दिन भगवान श्रीमन्नारायण दैत्यों से स्वर्ग लोक से छीनकर इंद्र तथा देवताओं को समर्पित किया था। आज ही के दिन भगवान श्रीमन्नारायण अपने अंश से लुंबिनी नामक ग्राम में अवतरित हुए, आपका नाम बुद्ध पड़ा। बोधगया में पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर आपको ज्ञान प्राप्त हुआ। भगवान श्री कृष्ण गीता के उपदेश में कहते हैं हे अर्जुन बहते जल में मैं गंगा हूं जल में समुद्र, धातुओं में सोना, तथा वृक्षों में मैं पीपल हूं। इस प्रकार भगवान बुद्ध को जो ज्ञान प्राप्त हुआ वह भगवान श्रीमन्नारायण के द्वारा ही प्राप्त हुआ।
आप मानव से महामानव के रूप में जाने जाते हैं आज के दिन पीपल के वृक्ष को दीप दान करना चाहिए। आप के अनुयाई दो भागों में बंट गए एक हीनयान एक महायान। गौतम बुद्ध जी ने कहा कि अपना प्रकाश स्वयं बनो। मानवता का संदेश दिया और वेद वाक्य अहिंसा को परम धर्म बताया।
धर्माचार्य ओमप्रकाश पांडे अनिरुद्ध रामानुज दास
जय श्रीमन्नारायण
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