रिपोर्ट- सुधीर त्रिवेदी
बांदा। जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में ही आरटीपीसीआर व एंटीजन जांच के लिए मरीजों की भारी गदर के बीच सिस्टम धड़ाम हैं। बुधवार को लंबी लाइन के बीच जांच करने वाला व्यक्ति एक घण्टे तक जांच करने नहीं निकला। इससे पहले आजाद नगर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कुछ लोग जांच के लिए पहुंचे तो सुबह 10 बजकर 30 मिनट तक वो बन्द मिला। जानकारी की गई तो पता चला कि आज रोडवेज व रेलवे स्टेशन में जांच करेंगे यहां नही होगी। गौरतलब हैं 11 बजे अस्पताल पहुंचकर संक्रमित भीड़ के बीच खुद लाइन लगवाई और व्यवस्था बहाली में गला फाड़ने के बाद जांच करने वाला बाहर आया। ठीक इससे पहले सीएमएस को फोन किया लेकिन किसी ने नहीं उठाया। सीएमओ दफ्तर संपर्क किया तो जवाब मिला जब तक फोर्स नही आएगी जांच नहीं होगी।
उल्लेखनीय है ये जितनी भी हेल्पलाइन नम्बर,सुझाव सलाह नंबर निर्देश व विज्ञप्ति में लिखे होते हैं न असल मे एक भी अधिकारी फोन नहीं उठाता,उठ भी गया तो सब रोने के अतिरिक्त कुछ भी मदद करने में असमर्थ होते हैं। विधायक जी बीमार हो, उनके पिताजी या परिवार वाले बीमार हो या फिर अधिकारी तो जांच से आक्सीजन तक सबकुछ बंगले पहुंच जाएगा….लेकिन आम नागरिक के जीवन की कीमत पशुओं बराबर भी नहीं है मौजूदा चिकित्सा व्यवस्था में।
जांच के लिए भटकते फिर रहे लोग
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