रायबरेली-नगर पालिका परिषद में जिंदगी भर कूड़ा करकट और गंदगी उठाने वाले सफाई कर्मचारी आज रिटायरमेंट के बाद अपने फंड के लिए कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। जहां से उनको केवल आश्वासन की दिया जा रहा है। नतीजा यह है कि सफाई कर्मचारियों को अपनी बेटियों की शादियों के लिए कर्जा लेना पड़ रहा है । वही परिवार को भी शादी में धन की कमी के कारण संबंध टूटने का भी डर सता रहा है। शहर के शक्तिनगर निवासी दिलीप सफाई कर्मचारी के रूप में जिलाधिकारी कार्यालय से सेवानिवृत्त हुए। 2019 में सेवा से मुक्त होने के बाद आज तक उनका विभाग में जमा पैसा मुक्त नहीं किया गया। दिलीप के अनुसार मात्र 5 लाख का भुगतान किया गया है। जबकि लगभग 8 से 9 लाख रुपये आज भी विभाग में बकाया है । घर में बेटी की शादी है। दिन रात चिंता रहती है कि पैसा ना मिला तो शादी कैसे होगी । विभाग के बाबू और अधिकारी आजकल पैसा भुगतान करने की बात कहते हैं। परंतु भुगतान की कोई उम्मीद दिलीप को नहीं दिखाई दे रही है । इस मामले में अखिल भारतीय सफाई मजदूर संघ के जिला महासचिव चंदन वाल्मीकि का कहना है कि नगर पालिका में कर्मचारियों का लगभग 28 करोड़ रुपये बकाया है और कई कर्मचारी तो अपने धन के इंतजार में स्वर्गवासी भी हो गए । लेकिन नगर पालिका परिषद कर्मचारियों के भुगतान के बजाय बजट ना होने का रोना रो रहा है।
अनुज मौर्य रिपोर्ट