रायबरेली- रायबरेली रोडवेज डीपो आए दिन चर्चा में बना रहता है कभी जर्जर बसों का मामला हो या अपनी तय उम्र सीमा को खत्म करने के बाद भी रोडवेज बसे सड़कों पर फर्राटा भर रही हो , ऐसा ही एक ताजा मामला आज उस समय देखने को मिला जब रायबरेली से कानपुर की ओर जा रही रोडवेज संख्या up 33 t 9645 बस में मानक से ज्यादा सवारियों को भरा गया और नहीं तो और जितनी सीटें थी वह तो भरी ही थी उसके अलावा मानक से ज्यादा सवारियों को बस में खड़े होकर अपने सफर की ओर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा वही टिकट का पैसा भी पूरा कंडक्टर द्वारा वसूला गया , लेकिन कंडक्टर द्वारा सवारियों को बैठने की सीट नहीं मुहैया कराई गई
जिससे साफ जाहिर होता है रोडवेज प्रबंधन मानकों को लेकर कितना जिम्मेदार है तस्वीरों में साफ-साफ देख सकते हैं किस प्रकार सवारियों को सीट का टिकट तो दिया गया लेकिन सवारियों को बैठने की सीट तक नहीं नसीब हुई ,वही जब यात्रियों ने इस पर कंडक्टर से बात करनी चाही तो कंडक्टर व चाक ने साफ तौर पर कह दिया कि जिसको समस्या हो वह उतर सकता है अब इससे साफ जाहिर हो रहा है कि रोडवेज में मौजूद कंडक्टर,चालक दबंगई के बल पर यात्रियों का शोषण कर रहा है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी आंख बंद करके एसी के कमरों में आराम फरमा रहे हैं यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी इस तरह के मामले सामने आए लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने जांच का आश्वासन देकर मामले को ठंडे बस्ते पर डाल दिया जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सख्त निर्देश था कि कोई भी डग्गामार वाहन बिना फिटनेस का वाहन या सवारियों से अधिक यात्रियों को अगर अपने वाहन में लेकर जा रहा है तो उस पर जिम्मेदार अधिकारी तत्काल कार्रवाई करेगा लेकिन ऐसा कोई भी जिम्मेदार अधिकारी नहीं है जो मुख्यमंत्री के आदेशों का पालन कर रहा हो,अब देखने वाली बात यह होगी कि इस पूरे मामले में जिम्मेदार अधिकारी क्या कोई कार्रवाई करेंगे या पहले की तरह इस मामले को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
अनुज मौर्य रिपोर्ट